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बिलासपुर : पाकिस्तानी हैंडलर के इशारे पर चल रहा था ठगी का धंधा, पांच गिरफ्तार

पुलिस ने गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है ये पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर काम कर रहे थे। पुलिस ने गिरोह से 15 लाख रुपये नकद जब्त किए है जबकि बैंकों में जमा 27 लाख रुपये सीज कराए गए हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 07:57 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 07:57 AM (IST)
बिलासपुर : पाकिस्तानी हैंडलर के इशारे पर चल रहा था ठगी का धंधा, पांच गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से पांच ठगी गिरफ्तार

बिलासपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नगर सैनिक से 65 लाख रुपये की ठगी के मामले में जांच कर रही कोतवाली पुलिस को अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह हाथ लगा है। पुलिस ने गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है, ये पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर काम कर रहे थे। पुलिस ने गिरोह से 15 लाख रुपये नकद जब्त किए है, जबकि बैंकों में जमा 27 लाख रुपये सीज कराए गए हैं।

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सीपत क्षेत्र के हरदाडीह निवासी जनकराम पटेल (52) नगर सैनिक हैं। उन्होंने 10 सितंबर को कोतवाली थाने में इनाम का झांसा देकर 65 लाख की ठगी की शिकायत की थी। मामले में टीम गठित कर मध्य प्रदेश के रीवा, देवास, इंदौर और महाराष्ट्र के मुंबई के साथ ओडिशा भेजा गया। जांच में पता चला कि ठगी की रकम को उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश व बंगाल से संचालित 12 बैंक खातों में जमा कराया गया है। सबसे अधिक रकम 50 लाख रुपये रीवा जिले के ग्राम लाइनबधरी सेमरिया निवासी विराट सिंह (21) के खाते में जमा कराई गई है। विराट ने यूपीआइ (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) के माध्यम से मुंबई निवासी राजेश जायसवाल व हर्ष जायसवाल के खातों में रुपये ट्रांसफर किए हैं। इस पर पुलिस ने विराट सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की। विराट से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने गिरोह के शिवम ठाकुर व संजू चौहान को मप्र, राजेश जायसवाल को मुंबई व सीताराम गौड़ा को ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया है।

भारतीय नंबरों पर पाकिस्तान से चलाते थे वाट्सएप

आरोपित विराट सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्य अपने पाकिस्तानी हैंडलर असगर, अशरफ, इरफान और अख्तर को भारतीय मोबाइल नंबर उपलब्ध कराते थे। इन भारतीय नंबरों से पाकिस्तान में बैठे ठग वाट्सएप चलाते थे। ठगने का काम पाकिस्तानी हैंडलर करते थे और रुपयों को विराट द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में जमा कराया जाता था। इसे विराट यूपीआइ के माध्यम से मुंबई भेजता था। जहां से राजेश जायसवाल बिटकाइन में बदलकर पाकिस्तान भेज देता था।

यह है बिटकाइन

बिटकाइन एक वर्चुअल (आभासी) मुद्रा है। अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता है। यह डिजिटल करेंसी भी कहलाती है।


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