छत्तीसगढ़ : गरीब बच्चों की फीस को लेकर सामने आया घोटाला, 74 लाख रुपये डकार गया शिक्षा विभाग
रायपुर में 27 हजार समेत प्रदेश में पौने तीन लाख बच्चे आरटीई में निशुल्क पढ़ रहे हैं। प्राइमरी में सात हजार मिडिल स्कूल में 11 हजार पये प्रति बच्चों के हिसाब से सरकार निजी स्कूलों को फीस दे रही है।
रायपुर [संदीप तिवारी]। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति में करीब 74 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। मामला छत्तीसगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय रायपुर का है। 28 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त डीईओ जीआर चंद्राकर ने आठ निजी स्कूलों को आरटीई की राशि का भुगतान किया है। इनमें ज्यादातर स्कूल दो से पांच साल पहले ही बंद हो चुके हैं। जिन स्कूलों को राशि दी गई है वहां आरटीई के एक भी बच्चे नहीं पढ़ रहे हैं और न ही कोई रकम ही बकाया थी। दैनिक जागरण के सहयोगी अखबार नईदुनिया की पड़ताल में पता चला कि ये राशि इन संस्थाओं के खाते में नहीं, बल्कि व्यक्तिगत खाते में डाली गई है। जबकि राशि संस्थाओं के खाते में ही भेजने का प्रविधान है। सालभर पहले लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी डीईओ से आरटीई के लिए भेजी गई राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगी थी। तब रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने आरटीई की पूरी राशि का उपयोग कर लिए जाने की जानकारी दी थी। जबकि बाद में करीब दो करोड़ पये का भुगतान निजी स्कूलों को किया गया है।
रायपुर में 27 हजार समेत प्रदेश में पौने तीन लाख बच्चे आरटीई में नि:शुल्क पढ़ रहे हैं। प्राइमरी में सात हजार, मिडिल स्कूल में 11 हजार पये प्रति बच्चों के हिसाब से सरकार निजी स्कूलों को फीस दे रही है। इसमें 60 फीसद राशि केंद्र और 40 फीसद राज्य सरकार वहन करती है।
इन स्कूलों के नाम पर भुगतान
- मयूर स्कूल उमरिया - 12 लाख 58 हजार 948 रुपये
- सृष्टि पब्लिक स्कूल भरेंगा - 21 लाख 38 हजार 367 रुपये
- सरस्वती शिशु मंदिर बेलदार सिवनी - 9 लाख 80 हजार 578 रुपये
- एमएमडी इंग्लिश मीडिया स्कूल बोरियाखुर्द - 11 लाख 30 हजार 633 रुपये
- ज्ञानदीप विद्यालय बड़ा अशोक नगर गुढि़यारी - 8 लाख 18 हजार 44 रुपये
- बेगनर स्कूल - 7 लाख 51 हजार 330 रुपये
- सर्वोदय विद्या मंदिर - 3 लाख 19 हजार 800 रुपये
- प्रगति विद्यालय कोलर - 2 लाख 50 हजार रुपये
पूर्व डीईओ जीआर चंद्रकार ने कहा, 'आरटीई राशि भुगतान किया हूं, जो स्कूल बंद हो चुके हैं उनको भी तो भुगतान करना है।'
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा के संचालक जितेंद्र शुक्लना ने बताया, 'हमने बची राशि की जानकारी सभी डीईओ से मांगी थी । जिला स्तर पर भुगतान नहीं किया जाना था। तथ्यों का पता लगाया जाएगा।'