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अमेरिका में बंधक जीवन जी रही निधि की भारत वापसी में पति बना रोड़ा

दाने-दाने के लिए मोहताज हो रही निधि समझौते के लिए राजी भी हो गई, लेकिन पति ने इससे इंकार कर दिया। पेनल ने दूसरी बार सुनवाई के लिए 14 मार्च की तिथि तय की है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 10 Mar 2018 11:04 AM (IST)Updated: Sat, 10 Mar 2018 11:04 AM (IST)
अमेरिका में बंधक जीवन जी रही निधि की भारत वापसी में पति बना रोड़ा
अमेरिका में बंधक जीवन जी रही निधि की भारत वापसी में पति बना रोड़ा

बिलासपुर (जेएनएन)। अमेरिका के बाल्टीमोर शहर में बीते पांच महीने से बंधक जीवन जी रही छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर की निधि राव के सामने उसका पति डी रविशंकर लगातार अड़ंगा लगाते जा रहा है। अमेरिकी कोर्ट के निर्देश पर अरली सेटलमेंट पेनल (ईएसपी) ने पति-पत्नी के बीच समझौता कराने दोनों को तलब किया था। दाने-दाने के लिए मोहताज हो रही निधि समझौते के लिए राजी भी हो गई, लेकिन पति ने इससे इंकार कर दिया। पेनल ने दूसरी बार सुनवाई के लिए 14 मार्च की तिथि तय की है।

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पेनल ने सुलह कराने के लिए दोनों को समझाइश दी। सुलह न करने की स्थिति में पत्नी को भरण पोषण के लिए जरूरी राशि तय करने पर हर महीने भुगतान करने के लिए रविशंकर से जवाब-तलब किया। रविशंकर ने आर्थिक मदद देने से साफ इंकार कर दिया। इतना ही नहीं उसने निधि का पासपोर्ट लौटाने से भी मना कर दिया है।

निधि के पिता डीएन राव ने बताया कि दिन-ब-दिन निधि की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। उसे अब धमकाया जा रहा है। भारत में किसी तरह का कोई मामला दायर न करने की हिदायत भी दी जा रही है। निधि की स्वदेश वापसी के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से निधि के पिता को निधि के विवाह का एलबम, पासपोर्ट साइज की फोटो के अलावा उनके पति डी रविशंकर के परिजन की जानकारी मांगी है।

क्या है मामला

निधि की शादी वर्ष 2012 में विशाखापट्टनम निवासी डी रविशंकर के साथ हुई थी। रविशंकर अमेरिका के बाल्टीमोर शहर में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता है। उसका पूरा परिवार वहीं बस गया है। सभी यूएएस के ग्रीनकार्डधारी हैं। अप्रैल 2013 में निधि ने पुत्र को जन्म दिया। इसी बीच विवाद भी शुरू हो गया।

इसकी जानकारी निधि ने अपनी मां को दी। पिता से रहा नहीं गया तो वे अमेरिका गए और बेटी व नाती को लेकर बिलासपुर आ गए। करीब एक साल बाद निधि ने अपने पति से वीजा नवीनीकरण करने की बात कही व अमेरिका आने की इच्छा जताई। पति ने वीजा नवीनीकरण नहीं कराया।

तब निधि के नाम पर उसके पिता ने एसबीआई से एजुकेशन लोन के तहत 18 लाख स्र्पए निकाले व बेटी और नाती को लेकर अमेरिका गए। शेष राशि खर्च के लिए बेटी को दे दी। एक सप्ताह रहने के बाद पिता वापस बिलासपुर लौट आए। उनके आते ही पति रविशंकर ने निधि व अपने मासूम बेटे को घर से निकाल दिया। तब से लेकर आजतक निधि अपने बेटे के साथ अलग रह रही है। 


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