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Who was Ajit Jogi : वो नाम जो कलेक्टर से सीधे बनाया गया था मुख्यमंत्री

Who was Ajit Jogi अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले सीएम थे। वो एक कलेक्टर थे और जब छत्तीसगढ़ बना तो वो उसके पहले सीएम बनाए गए थे। उन्होंने कलेक्टर पद से इस्तीफा दिया।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 05:09 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 05:34 PM (IST)
Who was Ajit Jogi : वो नाम जो कलेक्टर से सीधे बनाया गया था मुख्यमंत्री
Who was Ajit Jogi : वो नाम जो कलेक्टर से सीधे बनाया गया था मुख्यमंत्री

नई दिल्ली। कहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति के हाथों में राजयोग लिखा हो तो उसको रास्ते मिलते ही जाते हैं, कुछ ऐसा ही हुआ था छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ। वो थे तो कलेक्टर मगर जिसके हाथों में राजयोग की रेखा हो उसको वहां तक पहुंचाने में किसी न किसी तरह से मदद मिल ही जाती है।

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अजीत जोगी भी पहले कलेक्टर ही थे, मगर उनके हाथों में राजयोग की रेखाएं खींची थीं तो उनको सूबे का मुखिया बनने से भला कौन रोक सकता था। अजीत जोगी के सिर पर छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री होने का ताज रखा गया था। वो छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब उन्हीं के नाम कायम रहेगा।  

छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने 

अजीत प्रमोद कुमार जोगी एक भारतीय राजनेता थे तथा छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बिलासपुर के पेंड्रा में जन्में अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक की नौकरी की। बाद में वे मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आये। वे विधायक और सांसद भी रहे। बाद में 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ बना तो राज्य का पहला मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बनाया गया। 

मात्र ढाई घंटे में कलेक्टर से नेता बने थे 

पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की जमी-जमाई जॉब छोडकर राजनीति में आने का किस्सा भी वो अपने सहयोगियों को बड़े रोचक अंदा में बताते थे। वो कहते थे कि ढाई घंटे के खेल में वे कलेक्टर से नेता बन गए थे। वह तब इंदौर के कलेक्टर थे। एक दिन ग्रामीण इलाके में दौरे के लिए गए थे। रात को जब घर लौटे तो पत्नी रेणु ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया था, पीएम राजीव गांधी बात करना चाह रहे थे।

जोगी ने सोचा कि पीएम क्यों एक कलेक्टर को फोन करने लगे। इसके बाद रात करीब 9:30 बजे उन्होंने पीएम ऑफिस के नंबर पर फोन किया। राजीव गांधी के तत्कालीन पीए वी जॉर्ज ने फोन उठाया और कहा, 'कमाल करते हो यार, देश का प्रधानमंत्री तुमसे बात करना चाह रहा है और तुम गांव में घूम रहे हो।' इसके बाद उन्होंने कहा कि पीएम सुबह से उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि वे तुरंत कलेक्टर पद से इस्तीफा दें। 

कलेक्टर से नेता बनने वाले पहले व्यक्ति 

अचानक इस्तीफे की बात सुनकर जोगी चौंक गए और कहा कि वे डेपुटेशन पर पीएम ऑफिस ज्वाइन कर सकते हैं इसमें रिजाइन देने की क्या जरूरत है। इस पर जॉर्ज ने कहा कि पीएम चाहते हैं कि वे राज्यसभा के लिए मध्यप्रदेश से नामांकन भरें। उनसे कहा गया कि रात 12 बजे तक दिग्विजय सिंह उन्हें लेने इंदौर पहुंच जाएंगे और इस्तीफे की सारी औपचारिकता सुबह 11 बजे तक पूरी हो जाएगी।

उनके पास ढाई घंटे का समय है डिसाइड करने के लिए। इसके बाद जोगी केवल तीन लोगों से बात कर पाए थे, उनकी पत्नी रेणु जोगी, पीए और इंदौर के एक आइरिश डॉक्टर से। तीनों ने उन्हें प्रोत्साहित किया जिसके बाद उन्होंने एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस छोड़ कर राजनीति में जाने का फैसला किया और दूसरे ही दिन भोपाल जाकर राज्यसभा के नामांकन भरा था। 

अजीत जोगी की संपत्ति  

चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार महासमुंद संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पास चल संपत्ति 43.82 लाख रुपए और अचल संपत्ति 1.10 करोड़ रुपए, दोनों मिलाकर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति थी। उनकी पत्नी रेणु जोगी के पास 1.10 करोड़ रुपए की चल और 3.52 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है।

इस तरह जोगी दंपत्ति के पास करीब सवा 6 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई गई है। अजीत जोगी के नाम पर किसी प्रकार की देनदारी नहीं थी। उनकी पत्नी रेणु जोगी के नाम पर करीब 15 लाख रुपये का आवास ऋण है जो रायपुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा में चुकाना है। 

अजीत जोगी पर मुकदमे  

शपथपत्र में अजीत जोगी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उनकी जाति संबंधी मामला न्यायालय में लंबित है। उन्होंने इससे पहले शहडोल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कंवर जाति का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था जिसे गलत बताया गया था। इस पर सीजेएम न्यायालय शहडोल में धारा 420,467, 468, 471 भादंसं के तहत मामला पंजीकृत किया गया था। 

उन्होंने दो अन्य प्रकरणों पर उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित होना और अंतिम बहस के लिए तिथि निर्धारित नहीं होने की जानकारी दी थी। साथ ही अधीनस्थ न्यायालय की कार्यवाही स्थगित होने का उल्लेख किया था। जोगी ने शपथपत्र में मीडिया के हवाले से एक टिप्पणी का भी उल्लेख किया था कि सीबीआई द्वारा विशेष न्यायालय रायपुर में एक प्रकरण में समापन रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने की जानकारी मिली है। 


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