Move to Jagran APP

छत्तीसगढ़: प्रेमनगर के गोदाम में प्रशासन की लापरवाही से सड़ी 16,हजार चावल की बोरियां, जांच है जारी

छत्तीसगढ़ में बलरामपुर के प्रेमनगर में स्थित एक गोदाम में 16000 बोरियां चावल सड़ने की खबर है। प्रशासन की लापरवाही से इतना अनाज सड़ गया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 09:40 AM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 11:20 AM (IST)
छत्तीसगढ़: प्रेमनगर के गोदाम में प्रशासन की लापरवाही से सड़ी 16,हजार चावल की बोरियां, जांच है जारी
छत्तीसगढ़: प्रेमनगर के गोदाम में प्रशासन की लापरवाही से सड़ी 16,हजार चावल की बोरियां, जांच है जारी

रायपुर, एएनआइ। छत्तीसगढ़ में बलरामपुर के प्रेमनगर में स्थित एक गोदाम में 16,000 बोरियां चावल सड़ने की खबर है। यह चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित करने के लिए रखा गया था, लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम की लापरवाही से यह अनाज सड़ गया। फिलहाल चावल का अभी पुनर्नवीनीकरण किया जा रहा है। वहीं एससडीएम बालेश्वर राम ने बताया कि इस पूरे मामले की छानबीन की जा रही है।

loksabha election banner

उन्होंने बताया कि अभी इस पूरे मामले पर किसी भी प्रकार का बयान देना सही नहीं होगा बाकी इस मामले पर कुछ लोगों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। जिला कलेक्टर इस पूरे मामले का फैसला लेंगे। मैं यहां पर यह जानने आया हुं कि रायुपर की जांच टीम इस स्थान पर पहुंचे।

टीम इस मामले में लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गई है। मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक, चावल सड़ कर मिट्टी बन गया था, लेकिन पिर भी चावल के बचे हुए टुकड़ों को गरीबों तक पहुंचाने का कार्य चल रहा था। बता दें कि इस सड़े चावल को गरीबों में बांटने के लिए पहले गोदामों में भेजा गया, उसके बाद राशन की दुकानों पर पहुंचाया जाता है।

गौरतलब है कि हमारे देश में भरपुर मात्रा में खाना ना मिलने के चलते ना जाने कितने लोगों की मौतें होती है। यही नहीं कुपोषण जैसी बीमारी भी खाना ना मिलने के चलते जन्म लेती है। ऐसे में 14 हजार बोरियां का चावल सड़ना बहुत बड़ा प्रश्न उठाता है। भारत जैसे देश में गरीबी एक बहुत बड़ा मुद्दा रहा है। ऐसे में इसको खत्म करने के लिए लिए सरकार के तरफ से तमाम तरह के प्रयास किए जाते हैं। आज भी लोग फुटपाथ पर सोने पर मजबूर है। यही नहीं आज भी हमारे देश में ना जाने कितने लोग है कि जो भरपेट खाना खाए बिना सोते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.