छत्तीसगढ़ : पहली बार भारी बारिश में जंगल में उतरी फोर्स, 15 नक्सली ढेर
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सुरक्षा जवानों ने 15 नक्सलियों को मार गिराया है।
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सुरक्षा जवानों ने 15 नक्सलियों को मार गिराया है, जबकि 16 हथियार भी बरामद किए हैं। यह मुठभेड़ नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के गोलापल्ली थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई। फिलहाल सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके के घेर कर छानबीन शुरू कर दी है।
एक और ऑपरेशन चल रहा है
एंटी-नक्सल ऑपरेशन के स्पेशल डीजी ने बताया, '15 नक्सलियों को ढेर किया गया। इसके अलावा एक महिला नक्सली के साथ 5 लाख रुपये का इनामी नक्सली भी गिरफ्तार किया गया। हमें शिविर में 20-25 लोगों के होने की जानकारी थी। सुकमा के आंतरिक क्षेत्र में एक और ऑपरेशन चल रहा है।'
मौके पर करीब 200 नक्सली मौजूद थे
सुकमा में भारी बरसात में पहली बार पुलिस और सुरक्षाबलों की टीम नक्सलियों के खिलाफ जंगल में मोर्चे पर उतरी। यहां जंगलों में सुबह हुई मुठभेड़ में पुलिस और सुरक्षाबलों ने 14 नक्सलियों को मार गिराया। एसपी अभिषेक मीणा ने घटना की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि मौके पर करीब 200 नक्सली मौजूद थे।
पहली बार भरी बारिश में जंगल में उतरी है फोर्स
जानकारी के मुताबिक गोलापल्ली थाना क्षेत्र से सोमवार की सुबह जवान सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान नक्सलियों से उनका सामना हो गया। दोनों तरफ से तकरीबन एक घंटे तक गोलीबारी चलती रही। इसके बाद नक्सलियों की ओर से फायरिंग बंद हो गई। जवानों को मोर्चे पर भारी पड़ता देख नक्सली वहां से भाग खड़े हुए। घटना में करीब 14 नक्सली मारे गए।
कई नक्सलियों ने किया सरेंडर
क्षेत्र में नक्सलियों के जमावड़े को देखते हुए अब मुठभेड़ के बाद सघन सर्चिंग भी जारी है। जवान जंगलों में अंदर तक घुसकर नक्सली मांद को ढ़ूंढ रहे हैं। बता दें कि पहली बार भरी बारिश के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान कई नक्सलियों ने खुद सामने आकर आत्मसमर्पण करना भी शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी
अभी दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह घोषणा कर चुके हैं कि नक्सली या तो आत्मसमर्पण करें वरना फोर्स उन्हें मारने के लिए बिल्कुल तैयार है। इसके पहले सरकार लगातार यह कहती रही है कि नक्सली हथियार छोड़कर यदि मुख्यधारा में शामिल होना चाह रहे हों तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि अब छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नीति बदल दी है।
दो दिन पहले बासागुड़ा गांव को बनाया था निशाना
बता दें कि इससे पहले तीन अगस्त को छत्तीसगढ़ में बस्तर के अति संवेदनशील जिले बीजापुर के बासागुड़ा गांव में लगे साप्ताहिक बाजार में नक्सलियों ने दहशत फैलाने और पुलिस जवानों को निशाना बनाने के लिए गोलियां चलाईं थीं। जबकि एक जवान को चाकू से हमला किया था। बताया गया कि नक्सलियों ने ये हमला जवानों को निशाना बनाते हुए किया था।
2022 तक नक्सलवाद के खत्मे का दावा
इस बीच छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2022 तक नक्सलवाद के खत्म होने का दावा किया है। 'एंटी नक्सल ऑपरेशन' के स्पेशल डीजी डीएम अवस्थी का दावा है कि पिछले ढाई वर्षों में अकेले बस्तर जिले में नक्सलियों को जानमाल का जबरदस्त नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में नक्सलवाद जड़ से खत्म हो जाएगा। पिछले हफ्ते नक्सली घटनाओं का ब्योरा पेश करते हुए उन्होंने बताया था कि अगस्त 2017 से जुलाई 2018 तक 116 माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि खुद नक्सलियों ने की है। उनके मुताबिक, पुलिस रिकॉर्ड में पिछले दो वर्षों में 247 नक्सली मारे गए, जबकि 416 इनकाउंटर किए गए हैं।