चेन्नई के इस इंजीनियर को है देशों की मुद्राएं जुटाने का शौक, दुनियाभर में हुआ चर्चित, रिकार्ड्स किए अपने नाम
चेन्नई के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अन्नामलाइ राजेंद्रन को अलग अलग देशों की मुद्राएं जुटाने का अनोखा शौक है। इसी शौक के चलते उन्होंने सबसे अधिक देशों की मुद्राएं संग्रहित कर कई रिकार्ड्स में अपना नाम कर लिए हैं।
चेन्नई, एएनआइ। चेन्नई के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अन्नामलाइ राजेंद्रन (Annamalai Rajendran) को दुनिया के अलग अलग देशों की मुद्राएं जुटाने का अनोखा शौक है। उनके इसी शौक ने आज उन्हें चर्चा में ला दिया है। राजेंद्रन (Annamalai Rajendran) ने सबसे अधिक देशों की मुद्राएं संग्रहित कर एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स (Asia Book of Records) तथा इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स (India Book of Records) में अपना नाम दर्ज कराया है।
34 वर्षीय राजेंद्रन (Annamalai Rajendran) ने अपनी इस उपलब्धि के बारे में बताया कि उन्होंने दस साल पहले काम और जिंदगी के बीच संतुलन बनाने के लिए यह काम शौकिया तौर पर शुरू किया था। बाद में अन्य देशों तथा उनकी पंरपराओं को जानने की उत्कंठा धीरे-धीरे एक शगल बन गया। अधिकतर बैंक नोट्स अपने मित्रों तथा मुद्रा नीलामी से जुटाए। उनके (Annamalai Rajendran) संग्रह में संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा 189 सदस्यों समेत 410 'देशों' की मुद्राएं हैं, जिनमें 27 द्वीप तथा विदेशी क्षेत्र भी शामिल हैं।
इस तरह राजेंद्रन (Annamalai Rajendran) ने इस मामले में कोयंबटूर के जयेश कुमार का रिकार्ड तोड़ा है। जयेश के पास 378 'देशों' की मुद्राओं का संग्रह है। राजेंद्रन के संग्रह में 17वीं शताब्दी से लेकर 21वीं शताब्दी तक की मुद्राएं शामिल हैं। इनमें से कुछ कागज, पॉलीमर, कार्डबोर्ड, सोना तथा कपड़ों के भी बने हैं। उनके (Annamalai Rajendran) पास एंटीगुआ तथा बारवुडा की दुनिया की पहली वैध स्वर्ण मुद्रा तथा भारत के चोल साम्राज्य से लेकर पश्चिम के रोम साम्राज्य तक के प्राचीन सिक्के भी हैं।