चीन से ठगा महसूस कर रहे ब्राजील ने वैक्सीन के लिए भारत की ओर हाथ बढ़ाया
अमेरिका के बाद ब्राजील में कोरोना वायरस से सबसे अधिक लोगों की मौत हुई है। बोलसोनारो सरकार ने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की 100 मिलियन डोज की खरीद सुनिश्चित तो की है लेकिन अभी तक वैक्सीनेशन की तारीख का ऐलान नहीं किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कारगरता के मामले में चीन की दोयम दर्जे की वैक्सीन से झल्लाए ब्राजील ने भारत से आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन (AstraZeneca-Oxford vaccine) हासिल करने के लिए कूटनीतिक पहल की है। ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया से मिली खबर के अनुसार कोविशील्ड की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वहां की सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही ब्राजील की निजी क्लीनिकों और अस्पतालों ने भारत में विकसित स्वदेशी टीके कोवैक्सीन में रुचि दिखाई है। कोवैक्सीन हासिल करने के लिए भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार ब्राजील का फायोक्रूज इंस्टीट्यूट 'बल्क' में कोविशील्ड के खेप लेना चाहता है जिसे वह अपने देश में शीशीबंद डोज में उपलब्ध कराने की तैयारी में है। उल्लेखनीय है ब्राजील में कोरोना से अब तक दो लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। ब्राजील दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में दूसरे नंबर पर है।
पोलिंग इंस्टीट्यूट डेटाफ्लो द्वारा महीने के शुरू में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि ब्राजील के 50 प्रतिशत लोग चीन की सिनोवैक वैक्सीन लेने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं, 36 प्रतिशत लोगों ने रूसी वैक्सीन को भी लेने से मना कर दिया है। जबकि 23 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वह अमेरिका की वैक्सीन नहीं लेंगे।
दिलचस्प बात यह है कि ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा देश के सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत राष्ट्रीय टीकाकरण योजना में एस्ट्राजेनेका, फाइजर और कोवाक्स से कुल 300 मिलियन खुराक शामिल थी, लेकिन चीन की वैक्सीन का जिक्र इसमें नहीं किया गया था।