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मराठा साम्राज्य के महानतम सेनानायक छत्रपति शिवाजी की पुण्यतिथि आज

मंगलवार को छत्रपति शिवाजी की पुण्यतिथि है। छत्रपति पश्चिमी भारत के मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे।

By Arti YadavEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 10:55 AM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 11:50 AM (IST)
मराठा साम्राज्य के महानतम सेनानायक छत्रपति शिवाजी की पुण्यतिथि आज
मराठा साम्राज्य के महानतम सेनानायक छत्रपति शिवाजी की पुण्यतिथि आज

नई दिल्ली, (जेएनएन)। आज यानी मंगलवार को छत्रपति शिवाजी की पुण्यतिथि है। छत्रपति पश्चिमी भारत के मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता शाहजी और माता जीजाबाई थी। शिवाजी ने अनेक किलों का निर्माण और पुनरूद्धार करवाया। शिवाजी महाराज का विवाह 14 मई, 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पुना में हुआ था।

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शिवाजी प्रभावशाली कुलीनों के वंशज थे। उस समय भारत पर मुस्लिम शासन था। उत्तरी भारत में मुग़लों तथा दक्षिण में बीजापुर और गोलकुंडा में मुस्लिम सुल्तानों का, ये तीनों ही अपनी शक्ति के ज़ोर पर शासन करते थे। शिवाजी की पैतृक जायदाद बीजापुर के सुल्तान द्वारा शासित दक्कन में थी। उन्होंने मुसलमानों द्वारा किए जा रहे दमन और धार्मिक उत्पीड़न को इतना असहनीय पाया कि 16 वर्ष की आयु तक पहुँचते-पहुँचते उन्हें विश्वास हो गया कि हिन्दुओं की मुक्ति के लिए ईश्वर ने उन्हें नियुक्त किया है। उनका यही विश्वास जीवन भर उनका मार्गदर्शन करता रहा।

शिवाजी ने अपने विश्वासपात्रों को इकट्ठा कर अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी। एक बार जब आदिलशाह बीमार पड़ा तो बीजापुर में अराजकता फैल गई। शिवाजी ने इस मौके लाभ उठाकर बीजापुर में प्रवेश करने का फैसला लिया। छोटी सी उम्र में ही उन्होंने टोरना किले का कब्जा हासिल कर लिया था।

1659 में आदिलशाह ने अपने सेनापति को शिवाजी को मारने के लिए भेजा। दोनों के बीच युद्ध हुआ और इस युद्ध में शिवाजी विजयी हुए। शिवाजी की बढ़ती ताकत को देखते हुए मुगल सम्राट औरंगजेब ने जय सिंह और दिलीप खान को शिवाजी को रोकने के लिए भेजा। उन्होंने एक समझौते पर शिवाजी से हस्ताक्षर करने को कहा। समझौते के मुताबिक उन्हें मुगल शासक को 24 किले देने होंगे।

समझौते के बाद शिवाजी आगरा के दरबार में औरंगज़ेब से मिलने गए। वह अपने पुत्र शम्भाजी एवं 4000 मराठा सैनिकों के साथ मुग़ल दरबार में पहुंचे लेकिन औरंगज़ेब द्वारा उचित सम्मान न प्राप्त करने पर शिवाजी ने भरे हुए दरबार में औरंगज़ेब को विश्वासघाती कहा। इससे औरंगजेब ने उन्हें एवं उनके पुत्र को 'जयपुर भवन' में क़ैद कर दिया। शिवाजी 13 अगस्त, 1666 ई को फलों की टोकरी में छिपकर फरार हो गए और को रायगढ़ पहुंचे। सन 1674 तक शिवाजी ने उन सारे प्रदेशों पर अधिकार कर लिया था, जो पुरन्दर की संधि के अन्तर्गत उन्हें मुगलों को देने पड़े थे।

उन्होंने मराठाओं की एक विशाल सेना तैयार कर ली थी। उन्हीं के शासन काल में गुरिल्ला के युद्ध प्रयोग का भी प्रचलन शुरू हुआ। उन्होंने नौसेना भी तैयार की थी। भारतीय नौसेना का उन्हें जनक माना जाता है। अप्रैल 1680 को बीमार के चलते उनकी मृत्यु हो गई थी। 


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