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गोठान में एक साथ 50 से अधिक मवेशियों की मौत, मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम

बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड में शनिवार की सुबह एक गोठान में 50 से अधिक मवेशियों की मौत का मामला सामने आया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 02:56 PM (IST)
गोठान में एक साथ 50 से अधिक मवेशियों की मौत, मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम
गोठान में एक साथ 50 से अधिक मवेशियों की मौत, मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम

बिलासपुर, हिमांशु। छत्तीसगढ में बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड में शनिवार की सुबह एक गोठान में 50 से अधिक मवेशियों की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि विकासखंड के मेडपार गांव में पिछले दिनों यह अस्थायी गोठान स्थापित किया गया था। यहां गायों को रखा गया था। सुबह के वक्त ग्रामीणों ने देखा की 50 से ज्यादा गायों की मौत हो गई है। कुछ गायों का अभी उपचार चल रहा है। इनके मुंह से झाग आने की बात कही जा रही है और संभावना जताई जा रही है कि दम घुटने की वजह से इनकी मौत हुई है। मौके पर प्रशासन की टीम और पशु चिकित्सा दल मौजूद है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है। 

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बाताया जा रहा है कि मेड़पार बाजार स्थित पंचायत भवन को अस्थायी गोठान बनाया गया था और यहां सौ से अधिक मवेशियों को पिछले कुछ दिनों से रखा गया था। इनमें से 50 गायों की मौत की जानकारी सामने आ रही है। जानकारी मिलते ही जनपद पंचायत के सीईओ पहुंचे। तखतपुर विकास खण्ड में आने वाले ग्राम पंचायत मेड़पार बाजार मैं गौठान नहीं है। इसके चलते सभी गायों और अन्य गाय वंश की मवेशियों को सरपंच और सचिव ने ग्राम पंचायत के पुराने जर्जर भवन में घेर रखा था।  

लोगों की मानें तो कोरोना वायरस के चलते ग्राम पंचायत के पुराने जर्जर भवन के मैदान को ही सरपंच और सचिव ने अस्थायी गौठान बनाया है। यहां करीब 120 गायों को घेरकर रखा गया था। बीती रात इनमें से करीब 50 गायों की अचानक मौत हो गई। ग्राम पंचायत के स्थानीय निवासी विनोद धृतलहरे ने बताया कि उसके तीन मवेशियों को भी एक दिन पहले यहीं रखा गया था। उन तीनों मवेशियों की भी मौत हो चुकी है।  सुबह-सुबह गायों के मरने की खबर के बाद ग्रामीण बेहद परेशा और दुखी हैं। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश भी है। जानकारी मिलते ही जनपद पंचायत के सीईओ हिमांशु गुप्ता भी मौके पर पहुंचे हैं। अन्य बीमार गायों का उपचार चल रहा है। मृत गायों को शवों को पंचनामे के लिए भेजा जा रहा है। 

बता दें कि छत्तीसगढ में राज्य सरकार गाे वंश के संवर्धन के लिए कई योजनाएं चला रही है, इनमें गोठान योजना भी प्रमुख है। इसके तहत गांवों में मवेशियों को सुरक्षित आवास देने के लिए गोठान स्थापित किए गए हैं। पिछले दिनों राज्य सरकार ने गोबर की खरीदी के लिए गोधन न्याय योजना भी शुरू की थी। तखतपुर विकासखंड के इस गोठान की तरह ही तीन दिनों पहले बलौदाबाजार जिले के एक गोठान में तीस से अधिक गायों की मौत हो गई थी। इस घटना में गायों को जहर देने की बात सामने आई थी।


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