अपनी ही बच्ची का अपहरण कर भागे कारोबारी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने अपनी ही बच्ची का अपहरण कर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भागे एक व्यवसायी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने अपनी ही बच्ची का अपहरण कर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भागे एक व्यवसायी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।
सीबीआइ ने विशेष अदालत में किया दायर, यूएई में है आरोपित
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि विशेष अदालत के समक्ष 19 दिसंबर को दायर अपने आरोपपत्र में सीबीआइ ने व्यवसायी की मां को भी नामजद किया है। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने व्यवसायी अमन लोहिया, उनकी मां मीना लोहिया, कथित साथी पवन कुमार और घरेलू सहायिका शिउरतिया देबी महतो के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, भारत से अपहरण आदि से संबंधित आइपीसी की धाराएं लगाई हैं।
बेटी के संरक्षण को लेकर पत्नी से चल रहा विवाद
उन्होंने बताया कि लोहिया का अलग रह रही अपनी पत्नी किरण लोहिया के साथ अपनी बेटी संरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है। हाई कोर्ट ने पालन-पोषण योजना के साथ बच्ची का संरक्षण मां को सौंपा था जिसके अनुसार अमन लोहिया सप्ताह के तीन दिन कुछ घंटों के लिए अपनी बच्ची से मुलाकात कर सकते हैं। अदालत ने उन्हें अपना पासपोर्ट भी जमा कराने के लिए कहा था और उन्होंने ऐसा किया था।
इस योजना के तहत 24 अगस्त को जब उनकी बेटी उनसे मिलने आई तो अमन लोहिया उसे अपने परिवार के करीबी कुमार और महतो के साथ विमान से बागडोगरा ले गया। उन्होंने बताया कि बागडोगरा से उन्होंने काठमांडू के लिए टैक्सी ली, जहां से वे दुबई चले गए।
आरोपी के खिलाफ रेड कॉनर्र नोटिस जारी
'अंतरराष्ट्रीय जटिलताओं' को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच सीबीआइ को सौंप दी थी जिसने मामला दर्ज किया और अमन लोहिया व महतो के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की। अधिकारियों ने बताया कि आरोप पत्र दायर करने के साथ ही सीबीआइ के पास अब अमन लोहिया के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल के पास जाने का विकल्प है। विदेश मंत्रालय ने भी नौ सितंबर नोट वर्बल (अनौपचारिक राजनयिक पत्र) जारी कर यूएई सरकार से अमन पर नजर रखने का अनुरोध किया था, ताकि वह वहां से भागने न पाए।
अमन के साथ दुबई गए उसके घरेलू सहायक पवन कुमार को वापस लौटने पर गिरफ्तार कर लिया था। अमन ने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट पर लैंगिक भेदभाव का भी आरोप लगाया था और वापस लौटने से साफ इन्कार भी कर दिया।