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पिता-पुत्र की हिरासत में मौत के मामले में CBI टीम ने कोरोना संक्रमित होने के बावजूद जांच की पूरी

नई दिल्ली में सीबीआइ के प्रवक्ता आरके गौड़ ने बताया कि जांच एजेंसी ने मदुरई की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। मामले में आरोपित एक सब इंस्पेक्टर की जांच के दौरान मौत हो गई इसलिए उसका नाम आरोप पत्र में शामिल नहीं किया गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 12:04 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 12:04 AM (IST)
पिता-पुत्र की हिरासत में मौत के मामले में CBI टीम ने कोरोना संक्रमित होने के बावजूद जांच की पूरी
सीबीआइ टीम के सदस्य कोरोना संक्रमित भी हो गए, लेकिन जांच का कार्य नहीं रुका

आइएएनएस चेन्नई। तमिलनाडु में पुलिस हिरासत में व्यापारी पिता-पुत्र की मौत के मामले में सीबीआइ ने शनिवार को नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया। जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उनमें तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर एस श्रीधर, दो सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल हैं। ये सब तमिलनाडु के सतनकुलम थाने में तैनात थे।

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नई दिल्ली में सीबीआइ के प्रवक्ता आरके गौड़ ने बताया कि जांच एजेंसी ने मदुरई की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। मामले में आरोपित एक सब इंस्पेक्टर की जांच के दौरान मौत हो गई, इसलिए उसका नाम आरोप पत्र में शामिल नहीं किया गया है। राज्य सरकार की संस्तुति के बाद केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होने पर सीबीआइ ने गत सात जुलाई को कोविलपट्टी में व्यापार करने वाले पिता और पुत्र की हिरासत में मौत संबंधी दो मामले दर्ज किए थे।

इसके बाद सीबीआइ की नौ सदस्यीय टीम ने मदुरई पहुंचकर वहां लगातार कार्य किया। इस दौरान टीम के सदस्य कोरोना संक्रमित भी हो गए, लेकिन जांच का कार्य नहीं रुका। जांच में पता चला कि पुलिस ने 19 जून की शाम को पिता और पुत्र को पकड़ा था। इसके बाद सतनकुलम थाने में लाकर उनके साथ बर्बरता की गई। लगातार पिटाई और उत्पीड़न का परिणाम यह हुआ कि घातक चोटों से 22-23 जून की रात में दोनों की मौत हो गई। इसके बाद पुलिसकमियों ने सुबूत नष्ट करने का कार्य किया और मृतक पिता-पुत्र के खिलाफ समय से दुकान बंद न करने का फर्जी मुकदमा दर्ज किया।

ऐसा कहा जाता है कि सच को कितना भी छुपा लो, वो बाहर आ ही जाती है। वहीं, एक झूठ का छिपाने के लिए कई झूठ और बोलने पड़ते हैं। इन पुलिसवालों ने भी अपने जुर्म पर पर्दा डालने की पूरी योजना बना ली थी, लेकिन अंत में उनका झूठ पकड़ा गया। फिर ये हत्‍या का मामला मीडिया भी आ गया था। ऐसे में उच्‍च पुलिस अधिकारियों ने मामले की जल्‍द से जल्‍द जांच आगे बढ़ाई और सच सबके सामने आ गया है।


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