Chandrayaan-2: चांद की सतह पर मिला विक्रम लैंडर का मलबा, NASA ने दिखाई तस्वीर
Chandrayaan-2 इस साल सितंबर में दुर्घटनाग्रस्त हुए विक्रम लैंडर को नासा ने सोमवार को ढूंढ निकाला है। नासा ने अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर द्वारा ली गई तस्वीर जारी की है।
नई दिल्ली, एनएनआई। Chandrayaan-2 चंद्रमा की सतह पर इस साल सितंबर में दुर्घटनाग्रस्त हुए विक्रम लैंडर को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोमवार को ढूंढ निकाला है। नासा ने अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की है, जिसमें अंतरिक्ष यान से प्रभावित जगह दिखाई पड़ी है।
नासा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि उसके उसका लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (LRO) ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को ढूढ़ लिया है। नासा के दावे के मुताबिक चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा उसके क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिला। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सेल के हैं। नासा ने रात करीब 1:30 बजे विक्रम लैंडर के इम्पैक्ट साइट की तस्वीर जारी की और बताया कि उसके ऑर्बिटर को विक्रम लैंडर के तीन टुकड़े मिले हैं।
इसके साथ ही नासा ने एक बयान जारी कर कहा है कि तस्वीर में नीले और हरे डॉट्स के माध्यम से विक्रम लैंडर के मलबे वाला क्षेत्र दिखाया गया है। बता दें कि 7 सितंबर को इसरो द्वारा भेजा गया चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर लैंडिंग के निर्धारित समय से कुछ समय पहले संपर्क खो दिया था।
NASA finds Vikram Lander, releases images of impact site on Moon surface
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नासा ने अपने बयान में कहा है कि उसने 26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्वीर जारी की थी और लोगों को विक्रम लैंडर के संकेतों की खोज करने के लिए बुलाया था। इसके बाद शनमुगा सुब्रमण्यन नाम के एक व्यक्ति ने मलबे की एक सकारात्मक पहचान के साथ एलआरओ परियोजना से संपर्क किया। शानमुगा ने मुख्य क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान की थी। यह पहले मोजेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) में एक एकल उज्ज्वल पिक्सल पहचान थी। नवंबर मोजेक इंपैक्ट क्रिएटर, रे और व्यापक मलबा क्षेत्र को सबसे अच्छा दिखाता है। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सल के हैं।
NASA (National Aeronautics and Space Administration) says that their NASA Moon mission, the Lunar Reconnaissance Orbiter, has found the #Chandrayaan2 Vikram Lander. pic.twitter.com/71SPVMBIJM
— ANI (@ANI) December 2, 2019
गौरतलब है कि भारत के चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम (Vikram) का 7 सितंबर 2019 की रात को इसरो मुख्यालय से संपर्क उस वक्त टूट गया जब वह चांद की सतह से केवल 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था। भारतीय वैज्ञानिकों का मनोबल न टूटे इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो मुख्यालय पहुंचकर वैज्ञानिकों का हौसला आफजाई किया। इसरो की ओर से घटना के बारे में उस समय विस्तार से जानकारी दी गई थी। दुनिया के वैज्ञानिकों का कहना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation, ISRO) का मिशन चंद्रयान-2 फेल नहीं हुआ है।