Chandrayaan-2: पांचवीं बार सफलतापूर्वक बदली गई चंद्रयान-2 की कक्षा, लक्ष्य की आगे बढ़ रहा है मिशन
Chandrayaan-2 कक्षा में अगला बदलाव 14 अगस्त की सुबह तीन से चार बजे के बीच तय है। इसके बाद 20 अगस्त को यान चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा।
चेन्नई, आइएएनएस। चांद के सफर पर निकले भारतीय चंद्रयान-2 की कक्षा में मंगलवार को पांचवीं बार बदलाव किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दोपहर तीन बजकर चार मिनट पर चंद्रयान-2 की कक्षा को बढ़ाया। यान अभी पृथ्वी की कक्षा में घूम रहा है। यह पूरी तरह तय मानकों के आधार पर काम कर रहा है। कक्षा में अगला बदलाव 14 अगस्त की सुबह तीन से चार बजे के बीच तय है। इसके बाद 20 अगस्त को यान चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा।
इसरो ने 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 को प्रक्षेपित किया था। यह प्रक्षेपण इसरो के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी-मार्क 3 की मदद से किया गया था। इस यान में तीन हिस्से हैं - ऑर्बिटर, लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान'।
ऑर्बिटर करीब सालभर चांद की परिक्रमा कर शोध को अंजाम देगा। वहीं, लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरकर प्रयोग करेंगे। तय योजना के अनुसार, लैंडर और रोवर की लैंडिंग चांद की सतह पर सात सितंबर को होगी। लैंडर-रोवर को चांद के दक्षिणी धु्रव के उस हिस्से पर उतारा जाएगा, जहां अब तक कोई यान नहीं उतरा है। चांद की सतह पर लैंडिंग के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन अपने यान चांद पर उतार चुके हैं। 2008 में भारत ने चंद्रयान-1 भेजा था, जो एक ऑर्बिटर मिशन था। इसने 10 महीने तक चांद की परिक्रमा की थी। चांद पर पानी की खोज का श्रेय भारत के इसी अभियान को जाता है।
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