Chandrayaan-2 को लेकर नासा का बड़ा बयान, अंतरिक्ष मिशनों की असफलता से निराश नहीं हों
Chandrayaan-2 नासा ने कहा कि जब हम चांद पर गए थे तो कई बार असफल हुए थे लेकिन अंतत हम इसमें सफल हुए।
नई दिल्ली, आइएएनएस। अंतरिक्ष मिशन असफल होते हैं और वैज्ञानिक समुदाय को इससे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। यह ठीक है कि विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर नहीं उतर सका, लेकिन इसके लिए फिर से प्रयास करना चाहिए, क्योंकि यह एक पेशागत कार्य है। यह बात नासा जेपीएल (जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी) में नवाचार और प्रौद्योगिकी अधिकारी टॉम सोडरस्ट्राम ने कही।
उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर का मलबा मौजूद है और इसमें कई विसंगतियां मौजूद हैं। अब देखना यह है कि इसका पता नासा और इसरो में से कौन पहले लगाता है। चंद्रयान-2 मिशन की सबसे बड़ी सीख यह है कि इस तरह के मिशन विफल होने के लिए ही होते हैं और नासा से बेहतर इसे कोई और नहीं जानता है। रोवर को सतह पर उतारना बहुत मुश्किल काम है।
यह कभी-कभी काम करता है, इसलिए हम हर बार सुपर नर्वस हो जाते हैं। हमें अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि अगर एक भी चीज गलत हो गई तो पूरा मिशन फेल हो सकता है। सोडरस्ट्राम ने कहा कि यह एक कठिन कार्य है और हम इसे सिर्फ इसलिए करना बंद नहीं कर सकते हैं कि क्योंकि हमारे एक या दो बार रोवर सफलतापूर्वक सतह पर नहीं उतर सके।
उन्होंने कहा कि जब हम चांद पर गए थे तो कई बार असफल हुए थे, लेकिन अंतत: हम इसमें सफल हुए। इधर, इसरो अध्यक्ष सिवन ने कहा कि उसके अपने आर्बिटर ने दुर्घटनाग्रस्त विक्रम लैंडर का पता लगा लिया था। हालांकि उन्होंने कहा कि इसरो नासा द्वारा किए गए दावों का खंडन नहीं करेगा।