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Chandra grahan or lunar eclipse: गुरु पूर्णिमा पर इस साल भी चंद्रग्रहण का साया, जानें- इसके बारे में खास बातें

आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लग रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 01:24 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 01:24 PM (IST)
Chandra grahan or lunar eclipse: गुरु पूर्णिमा पर इस साल भी चंद्रग्रहण का साया, जानें- इसके बारे में खास बातें
Chandra grahan or lunar eclipse: गुरु पूर्णिमा पर इस साल भी चंद्रग्रहण का साया, जानें- इसके बारे में खास बातें

नई दिल्ली, जेएनएन । गुरु पूर्णिमा पर इस साल भी चंद्रग्रहण का साया रहेगा। दरअसल चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही लगता है और सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन। आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लग रहा है। यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा जो भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए यहां पर ग्रहण का सूतक भी मान्य नहीं होगा। एक महीने अंतराल में एक बार फिर चंद्रग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण 5 जुलाई, 2020 को है। इससे पहले 10 जनवरी और 5 जून को भी चंद्रग्रहण हो चुका है। 5 जुलाई को जो चंद्रग्रहण होगा, उसे उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका से देखा जा सकता है।

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जानें- क्या होता है चंद्रग्रहण

चंद्रग्रहण वह स्थिति होती है जब चांद और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है। चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। पूर्ण चंद्रग्रहण (total lunar eclipse), आंशिक चंद्रग्रहण (partial lunar eclipse) और उपछाया चंद्रग्रहण (penumbral lunar eclipse)

पूर्ण चंद्रग्रहण क्या है

पूर्ण चंद्रग्रहण उस स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है। पृथ्वी पूरी तरह से चांद को ढक लेती है। उसी स्थिति में चांद पूरी तरह लाल नजर आता है। लाल होने के साथ ही इस स्थिति में चंद्रमा पर धब्बे भी साफ देखे जा सकते हैं। पूर्णिमा के दिन ही पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति बनती है। 21 जनवरी, 2019 को ठीक ऐसी ही स्थिति बनी थी।

आंशिक चंद्रग्रहण क्या है

आंशिक चंद्रग्रहण उस स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी पूरी तरह नहीं आती है। इस वजह से पृथ्वी पूरे चंद्रमा को ढक नहीं पाती है। पृथ्वी की कुछ छाया चंद्रमा के कुछ हिस्से को ढक पाती है। इसलिए इसे आंशिक चंद्रग्रहण कहा जाता है। आंशिक चंद्रग्रहण कुछ ही घंटों का होता है। 16 जुलाई, 2019 को आंशिक चंद्रग्रहण था।

उपछाया चंद्रग्रहण क्या है

उपछाया चंद्रग्रहण हमेशा आंशिक चंद्रग्रहण से शुरू होता है। पृथ्वी की बाहरी छाया चंद्रमा के चेहरे पर पड़ती है। इसे देखना बहुत मुश्किल होता है। इस साल के सारे चंद्रग्रहण Penumbral eclipse या उपछाया चंद्रग्रहण ही होंगे।

इस साल 4 चंद्रग्रहण

इस साल कुल 4 चंद्रग्रहण पड़ेंगे जिनमें से 2 चंद्रग्रहण 10 जनवरी और 5 जून को थे। 10 जनवरी को अमेरिका, मध्य कनाडा और ज्यादातर दक्षिण अमेरिका को छोड़कर पूरी दुनिया से देखा जा सका। 5 जून को पड़े चंद्रग्रहण को दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्से, यूरोप, अफ्रीका, एशिया के ज्यादातर देशों और ऑस्ट्रेलिया से देखा जा सका। अब अगले चंद्रग्रहण 5 जुलाई और 30 नवंबर को पड़ेंगे। 5 जुलाई को उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका से चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा। 30 नवंबर को उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया से चंद्रग्रहण को देखा जा सकेगा। इस साल के सारे चंद्रग्रहण खंडछायायुक्त चंद्रग्रहण होंगे।

चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना खतरनाक

चंद्रग्रहण के दौरान चांद को देखने से आंखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। लेकिन सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य की ओर देखने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।

जानें- अगला पूर्ण चंद्रग्रहण कब

अगला पूर्ण चंद्रग्रहण 26 मई, 2021 से पहले नहीं पड़ेगा और इसे पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों से देखा जा सकेगा। उसके बाद 19 नवंबर, 2021 को आंशिक चंद्रग्रहण पड़ेगा जिसे उत्तर और दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के कुछ हिस्से और एशिया से देखा जा सकेगा। 2021 में सिर्फ दो चंद्रग्रहण पड़ेंगे।


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