चंबल को चंदन से महका रहे यहां के किसान, जानिए कैसे एक पेड़ कराएगा दो लाख रुपये की आमदनी
अंचल में कई किसानों को चंदन की खेती पसंद आ रही है। ढोढर के किसान गुरबाज सिंह ने चंदन के 300 पौधे बर्धा बुजुर्ग गांव के इसराइल खां ने अपने खेतों में 500 पौधे और धमलोकी गांव में राजेंद्र ने 1000 चंदन के पौधे अपने खेतों में लगाए हैं।
देवेंद्र गौड़, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के छोटे से गांव बगदरी के एक किसान ने चंबल अंचल को चंदन की खुशबू से महकाने और खेती को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में प्रेरणादायी काम किया है। बगदरी के पूर्व सरपंच करम सिंह ने तीन साल में अपनी नर्सरी में चंदन के आठ हजार पौधे तैयार किए। इनमें से सात हजार पौधे वह श्योपुर और मुरैना जिले के गांवों में किसानों के माध्यम से लगवा चुके हैं। श्योपुर से सटे राजस्थान के किसान भी चंदन के पौधे ले गए हैं। खास बात यह है कि इनमें से लगभग सभी पौधे जीवित हैं और फल-फूल रहे हैं। चंदन के पौधे विकसित करने का प्रशिक्षण करम सिंह ने कर्नाटक में लिया था।
यही नहीं, सरकार की उन्नत किसानों को देश और विदेश में खेती के गुर सिखाने की योजना के तहत करम सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में भ्रमण भी किया है। यहीं से उन्हें चंदन के पौधे तैयार करने की प्रेरणा मिली। करीब चार साल पहले उन्होंने अपने खेत के एक हिस्से में नर्सरी शुरू की और चंदन के पौधे विकसित करना शुरू किया। वह बताते हैं कि तीन साल में चंदन के पौधों की ऊंचाई पांच से सात फीट हो गई है। 10 से 12 साल में इनकी ऊंचाई 12 से 15 फीट होगी, तब ये किसानों के लिए लाखों रुपये की आय का साधन बनेंगे। चंदन का एक पेड़ 12 साल में दो लाख रुपये तक की आय करवा सकता है। लाल चंदन की लकड़ी 6000 रुपये और सफेद चंदन की लकड़ी 3000 रुपये किलो में बिकती है। इतना ही नहीं चंदन की छाल व पत्तियां दो से ढाई हजार रुपये प्रति किलो बिकती हैं। इसके पौधे खेत की मेड़ पर भी लगाए जा सकते हैं। करम सिंह कहते हैं कि चूंकि चंदन काफी कीमती होता है इसलिए इसे सुरक्षा की काफी दरकार होती है।
इन किसानों को भायी चंदन की खेती
अंचल में कई किसानों को चंदन की खेती पसंद आ रही है। ढोढर के किसान गुरबाज सिंह ने चंदन के 300 पौधे, बर्धा बुजुर्ग गांव के इसराइल खां ने अपने खेतों में 500 पौधे और धमलोकी गांव में राजेंद्र ने 1000 चंदन के पौधे अपने खेतों में लगाए हैं। इनकी देखादेखी राजस्थान के कोटा के किसान ज्योतिराम ने अपने खेत में 200 पौधे लगाए हैं। इनके अलावा कई किसानों ने कम मात्रा में भी पौधे रोपे हैं। हर महीने कहीं न कहीं से किसान चंदन की खेती के बारे में जानकारी लेने करम सिंह के पास आते हैं। पौधे भी ले जाते हैं। इस तरह इलाके में चंदन की महक लगातार बढ़ रही है।
श्योपुर जिले के बगदरी गांव के किसान करम सिंह ने बताया कि चंदन की खेती के लिए कर्नाटक से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक जाकर प्रशिक्षण लिया। श्योपुर सहित पूरे चंबल की मिट्टी चंदन के लिए अच्छी है। किसान इसकी खेती करते हैं तो कुछ वर्षो में उन्हें बहुत लाभ होगा।