पर्वतीय राज्यों में इस प्रकार से हल होंगी परिवहन, प्रदूषण की चुनौतियां
गडकरी ने कहा कि इससे भारत में शहरी परिवहन का चेहरा बदल जाएगा। बोलिविया, वियतनाम, स्विट्जरलैंड जैसे अनेक देशों में केबल कार अत्यंत सफल साबित हुई हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन के साथ सहज यातायात को बढ़ावा देने तथा लोगों को प्रदूषण और जाम से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार रोपवे तथा केबल कार सेवाओं को बढ़ावा देगी। इसके लिए भारतीय कंपनी वैपकॉस ने आस्टि्रया की कंपनी डॉपलमेयर के साथ हाथ मिलाया है। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग, जहाजरानी एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने इसे वरदान बताते हुए कहा कि रोपवे और केबल कार भारतीय परिवहन का भविष्य हैं।
उन्होंने कहा कि अपने परिवहन क्षेत्र के विकास के साथ-साथ शहरों को प्रदूषण और जाम से निजात पाने के लिए देश को भविष्योन्मुखी प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता है। परिवहन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए गडकरी ने कहा कि हमें ऐसी नवीन प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता है जो किफायती होने के साथ-साथ प्रदूषण से छुटकारा दिलाने वाली हों। इस दिशा में रोपवे, केबल कार तथा फ्यूनिकुलर रेलवे पर्वतीय एवं दुर्गम इलाकों के अलावा सघन यातायात वाले शहरों के लिए परिवहन की उपयुक्त प्रणालियां साबित हो सकती हैं। मझोले शहरों के लिए परिवहन के ये विकल्प विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। इन प्रणालियों का उचित ढंग से विकास किए जाने पर लोग खुद-ब-खुद व्यक्तिगत वाहनों के बजाय सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित होंगे।
वैपकॉस भारत सरकार की बहुराष्ट्रीय इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी कंपनी है। जिसकी परियोजनाएं 45 देशों में फैली हुई हैं। जबकि आस्ट्रिया की डॉपलमेयर को विश्व की सबसे बड़ी और उन्नत रोपवे निर्माता कंपनी माना जाता है। यह अब तक दुनिया भर में 15 हजार से ज्यादा रोपवे स्थापित कर चुकी है। समझौता ज्ञापन के तहत दोनो कंपनियां मिलकर न केवल भारत में रोपवे परियोजनाओं की संभाव्यता और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेंगी। बल्कि उपकरणों की आपूर्ति के साथ-साथ वैश्विक मानकों के अनुसार रोपवे के संचालन एवं रखरखाव का जिम्मा भी उठाएंगी।
गडकरी ने कहा कि इससे भारत में शहरी परिवहन का चेहरा बदल जाएगा। बोलिविया, वियतनाम, स्विट्जरलैंड जैसे अनेक देशों में केबल कार अत्यंत सफल साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार देश में हाइब्रिड एरोबोट जैसे जल, थल और नभ में समान रूप से चल सकने वाले नए किस्म के वाहनों के संचालन की संभावनाएं भी टटोल रही है। एरोबोट को 80 किलोमीटर की रफ्तार पर चलाया जा सकता है। सरकार दस जलमार्गो का विकास कर रही है। जल्द ही वाराणसी से बांग्लादेश तथा पूर्वोत्तर राज्यों के बीच जलमार्ग पर सामानों की नियमित ढुलाई होने लगेगी।