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मौसम के उतार-चढ़ाव से चार धाम यात्रा की चुनौतियां बरकरार, दो माह में शुरू होनी है यात्रा

चार धाम यात्रा शुरू होने में अब दो माह से भी कम का वक्त बचा है। हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आते हैं। उनके लिए प्रशासन को काफी बंदोबस्त करना पड़ता है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 04:33 PM (IST)
मौसम के उतार-चढ़ाव से चार धाम यात्रा की चुनौतियां बरकरार, दो माह में शुरू होनी है यात्रा
मौसम के उतार-चढ़ाव से चार धाम यात्रा की चुनौतियां बरकरार, दो माह में शुरू होनी है यात्रा

देहरादून [जागरण स्पेशल]। मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच चार धाम यात्रा की चुनौतियां बरकरार हैं। मौसम विभाग के अनुसार मार्च में भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। ऐसे में यात्रा की तैयारियों में जुटे प्रशासन के लिए व्यवस्थाएं बनाने में दिक्कतें आ सकती हैं।

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बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के मार्गों पर स्थान-स्थान पर भारी मात्रा में बर्फ जमी हुई है। पहली बड़ी चुनौती तो मार्ग को आवाजाही के लिए सुगम बनाना है। इसके बाद धामों से बर्फ हटाने में भी काफी वक्त लगेगा। हालांकि प्रशासन का दावा है कि वे यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन सब कुछ मौसम पर निर्भर करेगा।

चारों धामों के कपाट खुलने की तिथि घोषित हो चुकी है। गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट 7 मई और केदारनाथ व बदरीनाथ के कपाट क्रमश: 9 व 10 मई को खोले जाने हैं। यानी यात्रा के औपचारिक शुभारंभ में अब दो माह ही शेष हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ में करीब आठ से दस फीट बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। गंगोत्री और यमुनोत्री में भी पांच से सात फीट मोटी बर्फ है।

बदरीनाथः बंद है 12 किमी मार्ग
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हनुमानचट्टी से लेकर बदरीनाथ तक करीब 12 किलोमीटर मार्ग पर छह से सात स्थानों पर 15 फीट ऊंचे हिमखंड हैं। हनुमानचट्टी से आगे का मार्ग फिलहाल भारी बर्फ की वजह से बंद है। वह कहती हैं कि प्रशासन अपनी तरफ से पूरी तरह तैयार है, लेकिन सब कुछ मौसम के मिजाज पर निर्भर करेगा।

केदारनाथः रास्ता और बिजली-पानी सब बंद है
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल भी कहते हैं कि मौसम के अनुरुप ही कार्ययोजना बनाई जा रही है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर ही चार से आठ फीट मोटी बर्फ है। इसके अलावा धाम में स्थिति और भी विकट है। केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य भी एक महीने से बंद हैं। बिजली, पानी और संचार भी पूरी तरह से ठप है। वह कहते हैं कि मौसम साथ देगा तो यात्रा से पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी।

गंगोत्रीः सुक्की से 35 का मार्ग बंद
दूसरी ओर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि यात्रा की तैयारियों के लिए बैठकें चल रही हैं। गंगोत्री हाईवे को गंगोत्री तक खोल दिया गया है, लेकिन सुक्की से गंगोत्री तक 35 किलोमीटर की दूरी में पांच स्थानों पर विशाल हिमखंड हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम ने यमुनोत्री हाईवे को दुरुस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू करने के लिए धामों में मार्च अंत अथवा अप्रैल प्रथम सप्ताह से व्यवस्थाएं शुरू की जा सकती हैं।

चारों धाम में फिर बर्फबारी
उत्तराखंड में दिनभर बादल और सूरज की आंखमिचौनी शुक्रवार को भी जारी रही। दोपहर बाद चारों धाम, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के साथ ही उच्च हिमालयी इलाकों में घने बादल छा गए और एक बार फिर से धामों में बर्फबारी शुरू हो गई है। वहीं प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की बारिश भी हुई है। शनिवार को मौसम साफ नहीं हुआ। मौसम विभाग के अनुसार अभी इलाके में हालात सुधरने के आसार नहीं हैं।

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