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अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती

याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 35-ए दो देशों के सिद्धांत को बढ़ावा देता है। यह बात पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 11:38 PM (IST)
अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती
अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती
नई दिल्ली, प्रेट्र। संविधान के अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर चुनौती दी गई है। इसी से जम्मू और कश्मीर की विधानसभा को 'स्थायी निवासी' की परिभाषा गढ़कर उन्हें विशेषाधिकार देने का अधिकार हासिल है।

शुक्रवार को एक गैर सरकारी संगठन 'एकजुट जम्मू' ने याचिका दायर करके अनुच्छेद 35-ए को रद करने की अपील की है। इससे पहले कई व्यक्तियों और संगठनों ने भी इस मामले कई याचिकाएं दायर की हैं।

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पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ 
एक नई याचिका में अधिवक्ता सुमित आर. शर्मा के हवाले से कहा गया है कि अनुच्छेद 35-ए दो देशों के सिद्धांत को बढ़ावा देता है। यह बात पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है। ये पंथनिरपेक्ष देश भारत में एक धर्म आधारित राज्य की स्थापना करता है। अनुच्छेद 35-ए यह सुनिश्चित करता है कि जम्मू और कश्मीर विधानसभा का स्वरूप इस्लामिक बना रहे।


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