चाबहार पोर्ट सुनहरे अवसरों का द्वार : गडकरी
गडकरी ने ईरान और अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद जताई।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और ईरान ने द्विपक्षीय संबंध और व्यापार बढ़ाने की इच्छा जताई है। दोनों देशों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह को जल्द से जल्द शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई है। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने चाबहार बंदरगाह को सुनहरे अवसरों का द्वार बताया है। गडकरी ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और अन्य नेताओं से तेहरान में मुलाकात की। वह ईरान के राष्ट्रपति रूहानी के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के तौर पर दो दिन के तेहरान दौरे पर हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईरानी नेताओं के साथ बैठक में पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की तेहरान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। इनमें चाबहार बंदरगाह के विकास को लेकर काम की प्रगति पर भी बातचीत की गई। गडकरी ने ईरान और अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि एक बार चाबहार पोर्ट शुरू हो जाए, फिर पीछे मुड़कर नहीं देखना है। चाहबहार पोर्ट व्यापार बढ़ाने के सुनहरे अवसरों का द्वार होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि 12 से 18 महीने में चाबहार पोर्ट काम करना शुरू कर देगा।
गडकरी ने कहा कि चाबहार होकर अफगानिस्तान तक रेल और सड़क बनाने बात चल रही है। इससे हमारी रूस तक पहुंच हो जाएगी। इस रूट के जरिये हम रूस तक माल निर्यात कर सकेंगे। उन्होंने ईरान द्वारा त्रिपक्षीय पारगमन और परिवहन समझौते की पुष्टि किए जाने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि समझौते को मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मई 2016 में तेहरान दौरे के समय भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच यह समझौता हुआ था। भारत और अफगानिस्तान ने समझौते की पुष्टि कर दी है।
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