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केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान, 12 करोड़ छात्रों के खाते में ट्रांसफर होगा पैसा, जानें- किसको मिलेगा लाभ

सरकार ने मिड डे मील के तहत छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए पैसा मुहैया कराने का फैसला किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 11 करोड़ 80 लाख छात्रों को विशेष राहत उपाय के तौर पर यह सहायता उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 09:42 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 08:40 AM (IST)
केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान, 12 करोड़ छात्रों के खाते में ट्रांसफर होगा पैसा, जानें- किसको मिलेगा लाभ
एक से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर किया जाएगा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी।  केंद्र सरकार ने छात्रों के हित में बड़ा फैसला लिया है। मिड डे मील योजना के तहत एक से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। दोपहर भोजन योजना (मिड डे मील) के तहत छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (direct benefit transfer) के जरिए पैसा मुहैया कराने का फैसला किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 11 करोड़ 80 लाख छात्रों को विशेष राहत उपाय के तौर पर यह सहायता उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सरकार के इस उपाय से देश में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में एक से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को लाभ होगा।

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शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एक हजार दो सौ करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मुहैया कराएगी। इस निर्णय से कोविड महामारी के दौरान बच्चों को जरूरी पोषण उपलब्ध कराने और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस बात की जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर दी है।

जानें- क्यों लिया गया छात्रों के खाते में कैश ट्रांसफर का निर्णय

इस फैसले से मध्याह्न भोजन कार्यक्रम को तेजी मिलेगी। दोपहर भोजन योजना के तहत कैश ट्रांसफर करने का यह निर्णय बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा। इस कोरोना महामारी के समय में उनकी इम्युनिटी को बनाए रखने में मदद करेगा। केंद्र सरकार इस योजना के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देगी।

केंद्र सरकार के इस एक बार के विशेष कल्याणकारी उपाय से देश भर के 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे।

जानें- क्या है मिड डे मील योजना

मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) 15 अगस्त 1995 को शुरू की गई थी। इसे ‘नेशनल प्रोग्राम ऑफ न्यूट्रिशनल सपोर्ट टू प्राइमरी एजुकेशन’ के तहत शुरू किया गया था। साल 2017 में इस एनपी-एनएसपीई का नाम बदलकर ‘नेशनल प्रोग्राम ऑफ मिड डे मील इन स्कूल’ कर दिया गया। आज यह नाम मध्याह्न भोजन योजना के नाम से मशहूर है।

अभी हाल में देश के उपराष्ट्रपति ने दोपहर भोजन योजना में दूध को भी शामिल करने का निर्देश दिया है। इस भोजन योजना का लाभ सरकारी स्कूल, सरकार से फंड प्राप्त स्कूल, स्थानीय निकाय जैसे कि नगर निगम या नगर पालिका के स्कूल, स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर , मदरसा और मकतबों में पढ़ने वाले छात्रों को दिया जाता है। यह योजना सर्व शिक्षा अभियान के तहत चलती है।

दोपहर भोजन योजना का उद्देश्य

इस योजना को शुरू करने के पीछ कुछ खास मकसद था। वंचित और गरीब वर्ग के बच्चों को स्कूल में पढ़ाई के साथ पौष्टिक भोजन मुहैया कराया जा सके, इसके लिए दोपहर भोजन योजना शुरू की गई थी। स्कूलों में नामांकन की दर बढ़े, ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल आएं, इसके लिए यह योजना शुरू की गई। भोजन के लिए बच्चों को स्कूल से घर न भागना पड़े, इसलिए 1-8 कक्षा के छात्रों को स्कूल में बनाए रखने के लिए यह योजना शुरू हुई।


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