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आम बजट में रेल बजट को मिलाने के प्रस्ताव पर गंभीर केंद्र सरकार

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर 92 साल पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए रेल बजट को आम बजट में मिलाने की सिफारिश की थी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 07 Aug 2016 09:26 PM (IST)Updated: Sun, 07 Aug 2016 10:41 PM (IST)
आम बजट में रेल बजट को मिलाने के प्रस्ताव पर गंभीर केंद्र सरकार

नई दिल्ली, आइएएनएस। आम बजट में रेल बजट को मिलाने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार गंभीर है। वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि इस पर विचार किया जा रहा है। हाल में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर 92 साल पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए रेल बजट को आम बजट में मिलाने की सिफारिश की थी।

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वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि 1924 के बाद से रेल बजट आम बजट से अलग रहा है। तब कुल बजट में रेलवे की हिस्सेदारी 70 फीसद थी। आज यह घटकर सिर्फ 15 फीसद रह गई है। रेल मंत्री के प्रस्ताव पर विचार शुरू हो गया है।

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रेलवे भारी घाटे से जूझ रहा है। आम बजट में रेल बजट के विलय के बाद यह बोझ वित्त मंत्रालय पर आ जाएगा। दोनों बजट के विलय का सुझाव देने वाले प्रभु ने कहा था कि पहले से ही संकट में घिरे रेलवे पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के चलते इस साल और 30 हजार करोड़ का भार आ जाएगा।

नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली समिति की ओर से रेल बजट को आम बजट में शामिल करने की सिफारिश के बाद प्रभु ने जेटली को पत्र लिखा था। यदि विलय हुआ तो रेलवे सालाना लाभांश देने से भी बच जाएगा। अभी उसे सरकार से सकल बजटीय सहायता के लिए इसे देना पड़ता है। प्रभु वित्त मंत्रालय को लाभांश अदा करने की व्यवस्था पर सवाल उठा चुके हैं।

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