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केंद्र इन स्कीमों के जरिए कश्मीर घाटी में भरोसा बनाने की करेगी कवायद

प्रदेश में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद उत्पन्न स्थितियों को लेकर सरकार में लगातार मंथन चल रहा है। की जा रही है तुरंत प्रभाव से लागू की जाने वाली योजनाओं की पहचान।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 08:47 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 08:47 PM (IST)
केंद्र इन स्कीमों के जरिए कश्मीर घाटी में भरोसा बनाने की करेगी कवायद
केंद्र इन स्कीमों के जरिए कश्मीर घाटी में भरोसा बनाने की करेगी कवायद

नई दिल्ली, नितिन प्रधान। जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण बनाये रखने के साथ साथ अब सरकार ने प्रदेश के विकास पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। सरकार उन सभी स्कीमों की पहचान कर रही है जिनके नतीजे तुरंत जमीन पर दिखायी दे सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों से ऐसी सभी स्कीमों का चयन कर उन्हें प्रदेश में तेजी से लागू करने की संभावनाएं तलाशने को कहा है।

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प्रदेश में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद उत्पन्न स्थितियों को लेकर सरकार में लगातार मंथन चल रहा है। बीते सप्ताह ऐसी ही एक बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों की एक बैठक कर कश्मीर के विकास में सभी मंत्रालयों की भागीदारी पर जोर दिया।

सूत्र बताते हैं कि शाह ने सभी मंत्रियों से स्कीमों की पहचान कर उन्हें प्रदेश में लागू करने की रूपरेखा तैयार करने को कहा है। जो मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए उन्हें बाद में एक अन्य वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने ब्रीफ किया।

सूत्र बताते हैं कि जम्मू कश्मीर खासतौर पर घाटी में जिन केंद्रीय मंत्रालयों की भूमिका को काफी अहम माना जा रहा है उनमें पेट्रोलियम, अल्पसंख्यक मामले और मानव संसाधन विकास मंत्रालय शामिल हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय की उज्जवला योजना के बाकी देश में सफल क्रियान्वयन से सरकार काफी उत्साहित है। इसलिए मंत्रालय से इस योजना को घाटी में तेजी से लागू कराने की संभावनाएं तलाशने को कहा गया है। सूत्र बताते हैं कि इसी तरह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय छात्र छात्राओं को दी जाने वाली स्कॉलरशिप जैसी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

माना जा रहा है इस पूरी प्रक्रिया में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भूमिका को भी बेहद अहम माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में मिड डे मील जैसी केंद्रीय योजनाओं के क्ति्रयान्वयन और अन्य छात्रवृत्ति से जुड़ी अन्य स्कीमों को लागू कराने पर जोर दिया जा सकता है। चूंकि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू है इसलिए केंद्र सरकार की स्कीमों को तेजी से लागू करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

सरकार का मानना है कि घाटी में हिंसा पर रोकथाम के साथ साथ विकास योजनाओं का तेजी से क्ति्रयान्वयन प्रदेश की स्थिति में सुधार लाने में काफी हद तक सहायक साबित हो सकता है। इससे घाटी की जनता में भरोसा कायम करने में भी मदद मिलेगी।


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