डीम्ड विश्वविद्यालय पर फैसला न होने पर सरकार की सफाई
केंद्र सरकार ने सुप्रीमकोर्ट से कहा है कि वह 33 डीम्ड विश्वविद्यालयों के बारे में कैसे कोई फैसला कर सकती है जबकि यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों की निरीक्षण रिपोर्ट में सरकार को कोई सुझाव और सलाह ही नहीं दी है।
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। केंद्र सरकार ने सुप्रीमकोर्ट से कहा है कि वह 33 डीम्ड विश्वविद्यालयों के बारे में कैसे कोई फैसला कर सकती है जबकि यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों की निरीक्षण रिपोर्ट में सरकार को कोई सुझाव और सलाह ही नहीं दी है।
सरकार ने यह बात 41 डीम्ड विश्वविद्यालयों की मान्यता के मामले में दाखिल किए गए अपने ताजा हलफनामे में कही है। सुप्रीमकोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह यूजीसी की ओर से 33 डीम्ड विश्वविद्यालयों के बारे में 2009-2010 में दाखिल की गई रिपोर्ट पर फैसला लेकर कोर्ट को उससे अवगत कराए। कोर्ट के इस आदेश के जवाब में केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह हलफनामा दाखिल किया है।
दाखिल हलफनामे में सरकार ने कहा है कि कानून के मुताबिक यूजीसी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण करके केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देता है। उस रिपोर्ट में यूजीसी विश्वविद्यालय के बारे में सुझाव और सलाह भी देता है। यूजीसी की रिपोर्ट और सलाह के आधार पर ही केंद्र सरकार विश्वविद्यालय को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा देने के बारे में फैसला लेती है।
सरकार ने कहा है कि कोर्ट ने गत 23 फरवरी के आदेश में सरकार से कहा था कि वह 33 डीम्ड विश्वविद्यालयों के बारे में यूजीसी की ओर से दाखिल रिपोर्ट पर विचार करके फैसला ले। लेकिन यूजीसी ने उस रिपोर्ट में विश्वविद्यालयो के बारे में कोई भी विशिष्ट सुझाव नहीं दिये हैं जिसके आधार पर सरकार धारा 3 के तहत विश्वविद्यालय को डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित करने का आदेश जारी कर सके।
इस मामले में डीम्ड विश्वविद्यालयों ने सुप्रीमकोर्ट मे अर्जी दाखिल कर कहा है कि यूजीसी की रिपोर्ट 2009 -2010 से सरकार के पास पड़ी है लेकिन सरकार ने अभी तक उस पर फैसला नहीं किया है।