वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार ने उठाए ये कदम, जानें विस्तार से
केंद्र ने मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करने के लिए राज्यों की सहायता करने का फैसला लिया है जिसके तहत तकनीकी वित्तीय और रसद के माध्यम से राज्यों का समर्थन किया जाएगा। कोरोना काल में स्वास्थ्य ढांचे का ढह जाना सरकार की असफलता को बयां करता है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करने के लिए राज्यों की सहायता करने का फैसला लिया, जिसके तहत तकनीकी सहायता, वित्तीय सहायता और रसद के माध्यम से राज्यों का समर्थन किया जाएगा। कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे का ढह जाना केंद्र सरकार की स्वास्थ्य ढांचे की असफलता को बया करता है।
स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए इन बिंदुओं पर जोर दिया जाएगा:
1- कोरोना से संक्रमित रोगियों और गैर-कोविड रोगियों के उपचार के लिए, कोरोना देखभाल केंद्र (सीसीसी), डेडिकेटेड कोरोना हेल्थ सेंटर (डीसीएतसी) और डेडिकेटेड कोरोना हॉस्पिटल (डीसीएच) को देश भर में लागू किया गया है।
2- अस्पताल की सुविधाओं के लिए इएसआइसी, रक्षा, रेलवे, अर्धसैनिक बलों, इस्पात मंत्रालय आदि के तहत तृतीयक देखभाल अस्पतालों में भी प्रवेश किया है।
3- पहले लॉकडाउन (23 मार्च 2020 तक) में आइसोलेशन बेड की क्षमता 10,180 थी और आईसीयू बेड की क्षमता 2,168 थी, जिसे केंद्र और राज्य सरकारों की कार्रवाइयों की वजह से बढ़ा कर वर्तमान में (20 जुलाई 2021 तक) 18,21,845 आइसोलेशन बेड और 22,035 आईसीयू बेड कर दिया गया हैं।
4- ऑक्सीजन के औद्योगिक (व्यावसायिक) उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
5- तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) उत्पादन की क्षमता जो अगस्त 2020 में प्रति दिन लगभग 5700 मीट्रिक टन था, वह अब 13 मई 2021 तक बढ़कर 9690 मीट्रिक टन हो गई है।
6- ऑनलाइन डिजिटल समाधान के अंतर्गत ऑक्सीजन डिमांड एग्रीगेशन सिस्टम (ओडीएएस) और ऑक्सीजन डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम (ओडीटीएस) को विकसित किया गया हैं।
7- 25 सितंबर 2020 को मेडिकल ऑक्सीजन की बर्बादी से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए और 25 अप्रैल 2021 को राज्यों को संशोधित और प्रसारित किया गया।
8- पिछले साल अप्रैल और मई में 1,02,400 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे गए और राज्यों को दिए गए थे। 21 अप्रैल 2021 को और 1,27,000 ऑक्सीजन सिलेंडरों के ऑर्डर दिए गए, जो 7 जुलाई 2021 को डिलीवर कर दिए गए हैं।
9- ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्रों में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को तेजी से ट्रैक करने के लिए, विभिन्न राज्यों को 18,000 से अधिक ऑक्सीजन भी दिए गए हैं।
10- कोरोना के उपचार में दी जाने वाली दवाईओं की देखरेख के लिए फार्मास्युटिकल विभाग में एक कोविड औषधि प्रबंधन प्रकोष्ठ को स्थापित किया गया है।
11- रेमेडिसविर दवाई को भारत में गिलियड लाइफ साइंसेज यूएसए (पेटेंट धारक) द्वारा 7 भारतीय दवा कंपनियों को दिए गए स्वैच्छिक लाइसेंस के तहत निर्मित किया जा रहा हैं। दवाई निर्माण की क्षमता 38 लाख प्रति माह से बढ़ाकर लगभग 122 लाख प्रति माह की गई है।
राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार से कोविड-19 पर एक प्रश्न पुछा गया था जिसके जवाब में आज राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने लिखित उत्तर में दिया।