पुलिस और सुरक्षा बलों में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर केंद्र सरकार ने दिया राज्यों को संदेश
इस समय अर्धसैनिक बलों के 200 से ज्यादा जवान संक्रमित हैं जबकि 55 वर्ष के सीआरपीएफ कर्मी की पिछले सप्ताह कोविड-19 से मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आंतरिक सुरक्षा कार्यों में जिम्मेदारी संभाल रहे पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर केंद्र ने राज्य सरकारों से विकल्प के तौर पर सेकेंड लाइन विकसित करने को कहा है। सेकेंड लाइन के तौर पर सार्वजनिक स्थलों पर होमगार्ड, सिविल डिफेंस के कार्यकर्ताओं और एनसीसी के कैडेट्स की तैनाती की जा सकती है।
घर से काम कराने की व्यवस्था पर विचार करें
गृह मंत्रालय ने राज्यों और सभी केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि पुलिस प्रमुख अग्रिम पंक्ति पर तैनात न रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से घर से काम कराने की व्यवस्था पर विचार करें। कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखकर बचाव करते हुए व्यवस्था चलाने के विकल्पों पर विचार करें।
इसी के तहत काम करने वालों की सेकेंड लाइन विकसित की जाए। इस समय अर्धसैनिक बलों के 200 से ज्यादा जवान संक्रमित हैं, जबकि 55 वर्ष के सीआरपीएफ कर्मी की पिछले सप्ताह कोविड-19 से मौत हो चुकी है। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए हैं और विभिन्न राज्यों के तीन पुलिसकर्मी काल के गाल में चुके हैं। गृह मंत्रालय ने अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि संक्रमण के लक्षण मिलने पर पुलिस अधिकारी अधीनस्थ कर्मियों से कड़ाई से क्वारंटाइन प्रक्रिया का पालन कराएं।
सावधानी बरती जानी जरूरी
गृह मंत्रालय ने कहा है कि दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सावधानी बरती जानी जरूरी है। खांसी, जुकाम, सांस लेने में कठिनाई और बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और कोविड-19 का आवश्यक परीक्षण कराना चाहिए। जनसुरक्षा में सरकार के आदेश को लागू कराने की जिम्मेदारी पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की होती है, इसलिए उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर काम करते समय ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।