फैसला होने तक एनजेएसी नहीं करेगा जजों की नियुक्ति
न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलीजियम व्यवस्था समाप्त कर नई व्यवस्था देने वाले राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) पर भले ही सुप्रीमकोर्ट ने रोक न लगाई हो लेकिन यह आयोग फिलहाल नए जजों की नियुक्ति नहीं कर पाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलीजियम व्यवस्था समाप्त कर नई व्यवस्था देने वाले राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) पर भले ही सुप्रीमकोर्ट ने रोक न लगाई हो लेकिन यह आयोग फिलहाल नए जजों की नियुक्ति नहीं कर पाएगा।
एनजेएसी सुप्रीमकोर्ट में लंबित वैधानिकता विवाद का निपटारा होने तक हाईकोर्ट या सुप्रीमकोर्ट में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करेगा। आयोग इस दौरान सिर्फ हाईकोर्ट के तदर्थ नियुक्ति वाले एडीशनल न्यायाधीशों के कार्य विस्तार या नियमन के बारे में ही फैसला करेगा। एनजेएसी कानून की वैधानिकता पर सुप्रीमकोर्ट में सोमवार से सुनवाई शुरू होगी।
न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने गुरूवार को आदेश दिया कि एनजेएसी की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला आने तक आयोग सिर्फ हाईकोर्ट के वर्तमान एडीशनल न्यायाधीशों के बारे मे ही फैसला लेगा। इससे पहले सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि सरकार मामले में फैसला आने तक कोई नई नियुक्ति नहीं करेगी। और अगर ऐसा होता है तो इसके लिए पहले कोर्ट से इजाजत ली जाएगी।
सरकार की ओर से यह बात तब कही गई जब कोर्ट कहा कि अगर मान लो सुप्रीमकोर्ट सुनवाई के बाद एनजेएसी कानून को निरस्त कर देता है तो उस दौरान की गई नई नियुक्तियों का क्या होगा। क्या नियुक्ति किये गए लोग असहज नहीं महसूस करेंगे। अटार्नी ने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं आएगी कोर्ट कानून पर अंतरिम रोक न लगाए वे भरोसा दिलाते हैं कि जुलाई तक कोई भी नयी नियुक्ति नहीं की जाएगी और अगर ऐसा होता है तो सरकार 11 मई को इस बारे में कोर्ट को सूचित कर इजाजत लेगी।
अटार्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि जल्दी ही एनजेएसी का गठन हो जाएगा। आयोग में दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है और 10 मई तक आयोग में सदस्यों की नियुक्ति का काम पूरा कर लिया जाएगा। रोहतगी ने कहा कि अंतरिम आदेश के मसले पर सुनवाई 11 मई तक टाल दी जाए। लेकिन पीठ इसके लिए राजी नहीं हुई।
कोर्ट ने कहा कि सरकार अपना पक्ष स्पष्ट करे नहीं तो कोर्ट आदेश जारी कर देगा क्योंकि ऐसा नहीं होने से याचिका लंबित रहने के दौरान जो नयी नियुक्तियां होंगीं उन्हें असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। उधर याचिकाकर्ताओं की मांग थी सुप्रीमकोर्ट मामले में फैसला आने तक कानून पर रोक लगा दे ताकि जिन लोगों की नियुक्ति को कोलीजियम से मंजूरी मिल चुकी है उनकी नियुक्ति हो सके। लेकिन कोर्ट ने कानून पर रोक नहीं लगाई।
सुप्रीमकोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन सहित करीब छह याचिकाएं सुप्रीमकोर्ट में लंबित हैं जिसमें एनजेएसी कानून की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। हालांकि कुछ याचिकाएं कानून की तरफदारी में भी दाखिल की गई हैं। इन याचिकाओं पर पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ सोमवार से नियमित सुनवाई शुरू करेगी।
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