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रोहतांग में रोपवे के लिए केंद्र और हिमाचल करें बैठक

रोहतांग पास में वाहनों का दबाव और प्रदूषण कम करने के लिए चल रही सख्ती के बीच वहां रोपवे का विकल्प जोर पकड़ने लगा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वे बैठक करके रोहतांग में रोपवे व्यवस्था शुरू करने

By manoj yadavEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2015 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2015 08:49 PM (IST)
रोहतांग में रोपवे के लिए केंद्र और हिमाचल करें बैठक

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। रोहतांग पास में वाहनों का दबाव और प्रदूषण कम करने के लिए चल रही सख्ती के बीच वहां रोपवे का विकल्प जोर पकड़ने लगा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वे बैठक करके रोहतांग में रोपवे व्यवस्था शुरू करने में आ रही परेशानी का हल निकालें।

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एनजीटी ने ये निर्देश गत सोमवार को मनाली-रोहतांग मार्ग पर वाहनों की संख्या सीमित करने के मामले में सुनवाई के बाद दिए। ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान जब रोहतांग पास में रोपवे शुरू करने की योजना के बारे में पूछा तो राज्य सरकार ने बताया कि योजना की टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो रही है, लेकिन मार्ग का कुछ हिस्सा वन क्षेत्र में आ रहा है इसलिए प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा गया है।

इस पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के वकील ने कहा कि प्रस्ताव में कुछ आपत्तियां है। स्पष्टीकरण के लिए उसे वापस राज्य सरकार को भेजा गया है। दलीलें सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने मंत्रालय व हिमाचल प्रदेश सरकार को बैठक करके रोहतांग में रोपवे व्यवस्था शुरू करने में आ रही बाधा का हल निकालें। तीन जुलाई को मामले पर फिर सुनवाई होगी।

इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने हिमाचल प्रदेश टूरिस्ट टैक्सी ऑपरेटरों से कहा है कि वे रोहतांग पास में वाहनों की तय संख्या (1000) बढ़ाने के बारे में सुझाव दाखिल कर सकते हैं। ट्रिब्यूनल ने मनाली-रोहतांग मार्ग पर वाहनों से प्रदूषण रोकने के लिए दिए गए आदेशों के पालन की स्थिति जानने के लिए लोकल कमिश्नर को मौके का मुआयना करके रिपोर्ट देने को कहा है।

एनजीटी ने गत पांच मई को रोहतांग मार्ग पर वाहनों से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए मनाली रोहतांग मार्ग पर टूरिस्ट टैक्सियों की संख्या सीमित कर दी थी। एनजीटी ने सिर्फ 1000 टूरिस्ट टैक्सियों को ही जाने की इजाजत दी थी। साथ ही पेट्रोल और डीजल वाहनों पर पर्यावरण शुल्क भी लगा दिया था। बाद में उसने पर्यावरण शुल्क वसूली आदेश पर रोक लगा दी थी।


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