केंद्र सरकार ने पारिवारिक पेंशन के स्थगन की दशकों पुरानी नीति में किया संशोधन
पारिवारिक पेंशन के स्थगन से संबंधित दशकों पुरानी नीति को केंद्र सरकार ने संशोधित कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक मृत कर्मचारी के जीवनसाथी के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया के निपटारे तक परिवार के अन्य योग्य सदस्य पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे।
नई दिल्ली, एएनआइ। सरकारी कर्मचारी की हत्या या उसके लिए उकसाने के आरोपित उसके जीवनसाथी को पारिवारिक पेंशन के स्थगन से संबंधित दशकों पुरानी नीति को केंद्र सरकार ने संशोधित कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक, मृत कर्मचारी के जीवनसाथी के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया के निपटारे तक परिवार के अन्य योग्य सदस्य पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे। अगर मृत कर्मचारी का जीवनसाथी दोषी नहीं पाया जाता है तो बरी होने की तिथि से पारिवारिक पेंशन का भुगतान उसे किया जाएगा।
कर्मचारी का हत्या आरोपित अगर उसका जीवनसाथी है तो परिवार के योग्य सदस्य को मिल सकेगी पेंशन
अभी तक सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 के प्रविधानों के तहत कर्मचारी की हत्या के आरोपित जीवनसाथी के साथ-साथ उसके परिवार के योग्य सदस्यों को भी पारिवारिक पेंशन का भुगतान नहीं किया जाता था। ऐसी स्थिति में कर्मचारी के निरपराध आश्रित माता-पिता और बच्चों के सामने वित्तीय संकट की स्थिति पैदा हो जाती थी, इसे न्यायोचित नहीं माना गया।
लिहाजा, इस संबंध में नियमों में संशोधन करने का फैसला किया गया। ऐसी स्थिति में अगर मृत कर्मचारी के परिवार का योग्य सदस्य नाबालिग है तो पारिवारिक पेंशन का भुगतान उसके लिए नियुक्ति अभिभावक के जरिये किया जाएगा।
खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार को मिलती रहेगी पेंशन की रकम
वहीं दूसरी ओर यदि किसी दुर्घटना से खाताधारक की मृत्यु होती है, तो इस दशा में उसकी पत्नी या पति और बच्चों को भी ईपीएफओ (EPFO) की तरफ से पेंशन का सुविधा लाभ दिया जाता है। EPFO ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए खाताधारकों को इससे संबंधित जानकारी भी उपलब्ध कराई है। EPFO ने अपने ट्विटर पर EPS95 स्कीम के तहत खाताधारक की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी या पति और बच्चों को मिलने वाली पेंशन के बारे में अवगत कराया है।