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केंद्र ने SC कॉलेजियम को लौटाई कई जजों की नियुक्ति की फाइलें, सौरभ कृपाल के नाम पर पुनर्विचार करने को कहा

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को जजों की नियुक्ति से जुड़ी फाइल लौटा दी है। केंद्र ने 10 नामों पर फिर से विचार करने को कहा है। मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के अनुसार अगर SC कॉलेजियम अपने फैसले को दोहराता है तो सरकार नामों को अधिसूचित करने के लिए बाध्य है।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalPublished: Tue, 29 Nov 2022 09:29 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 09:29 AM (IST)
केंद्र ने SC कॉलेजियम को लौटाई कई जजों की नियुक्ति की फाइलें, सौरभ कृपाल के नाम पर पुनर्विचार करने को कहा
केंद्र ने SC कॉलेजियम को लौटाई कई जजों की नियुक्ति की फाइलें (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकर ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की अपनी सिफारिश पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। सौरभ कृपाल भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश बी.एन. कृपाल के बेटे हैं, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनकी पदोन्नति की सिफारिश पिछले चार वर्षो से विवादों से घिरी रही है।

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केंद्र ने SC कॉलेजियम को कई नाम भेजे वापस

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए अनुशंसित कई नाम सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को वापस भेज दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की मुख्य आपत्ति यह है कि सौरभ कृपाल स्विस नागरिक हैं। कृपाल के लिए सिफारिश उन 10 सिफारिशों में से एक है जो कानून मंत्रालय ने कॉलेजियम को लौटा दी है।

पिछले साल किया था कॉलेजियम ने नामों का एलान

बता दें कि पिछले साल कॉलेजियम ने 11 नवंबर 2021 को हुई अपनी बैठक में दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में वकील सौरभ कृपाल की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सौरभ कृपाल की पदोन्नति की सिफारिश की थी।

क्या कहा कृपाल ने?

कृपाल के अनुसार, उनके नाम की सिफारिश करने में देरी की बड़ी वजह उनके यौन अभिविन्यास है, क्योंकि अगर उनके नाम को मंजूरी मिली तो वह भारत के समलैंगिक न्यायाधीश बन जाएंगे। इससे पहले एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने कहा था यह दावा किया गया है कि मेरा पार्टनर विदेशी मूल का व्यक्ति है, जो देश की सुरक्षा के लिए जोखिम है। उन्होंने कहा कि यही कारण है और मेरा मानना है कि मेरी कामुकता की वजह से मेरी उम्मीदवारी को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के लिए नहीं माना गया है।

नौ और नामों को भी केंद्र ने वापस भेजा

सूत्रों के अनुसार, इसके अलाव केंद्र ने नौ नामों को भी वापस कर दिया है, जिनमें दो कलकत्ता हाईकोर्ट, दो केरल हाईकोर्ट और पांच इलाहाबाद हाईकोर्ट हैं। पता चला है कि ये फाइलें पिछले हफ्ते कॉलेजियम को भेजी गई थीं। इससे पहले सोमवार को जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने न्यायिक हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी देते हुए सरकार से कॉलेजियम द्वारा मंजूर किए गए नामों पर कार्रवाई करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि एक बार सिफारिश दोहराए जाने के बाद नामों को मंजूरी देनी होगी।

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