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TB Disease: केंद्र की जनभागीदारी मुहिम की जल्द होगी शुरुआत, देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य

केंद्र ने एक नई मुहिम शुरुआत की है जिसके तहत ने वर्ष 2025 तक देश में क्षय रोग (टीबी) को पूरी तरह से खत्म करने का बेड़ा उठाया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से मार्गदर्शक दस्तावेज साझा किया है।

By Ashisha RajputEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 07:26 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 07:26 PM (IST)
TB Disease: केंद्र की जनभागीदारी मुहिम की जल्द होगी शुरुआत, देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 'मार्गदर्शक दस्तावेज' साझा किया है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने देश में क्षय रोग (टीबी) को वर्ष 2025 तक पूरी तरह से खत्म करने के लिए जल्द ही एक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिये जनभागीदारी की मुहिम शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत लोग और संस्थाएं इस रोग से प्रभावित ब्लाक, वार्ड या फिर टीबी के किसी मरीज को गोद ले सकेंगे और उसे पौष्टिक भोजन, उपचार और व्यावसायिक सहायता मुहैया करा सकेंगे।

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केंद्र सरकार ने साझा किया 'मार्गदर्शक दस्तावेज'

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 'मार्गदर्शक दस्तावेज' साझा किया है। इस सहायता के लिए टीबी के मरीज से अनुमति भी लेनी होगी। मरीज की इच्छा पर ही उसे इस कार्यक्रम के लिए पंजीकृत किया जाएगा। सहायता की यह प्रतिबद्धता कम से कम एक साल तक पूरी करनी होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। इसमें केंद्र सरकार ने आग्रह किया है कि क्षय रोग के मरीजों को सामुदायिक समर्थन व सहायता मुहैया कराने के लिए सभी तरह की सावधानियां बरतते हुए तैयारियां की जाएं। ताकि टीबी के मरीजों को सभी जिलों और ब्लाक स्तर पर मिशन मोड में सामुदायिक सहायता मिलना सुनिश्चित हो सके।

हालांकि सरकार की इस पहल की औपचारिक घोषणा जून के पहले हफ्ते में की जाएगी। इस परियोजना के तहत एक ऐसी प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों, संस्थानों (सरकारी व निजी) और निजी तौर पर भी कोई व्यक्ति क्षय रोग (ट्यूबरकुलोसिस-टीबी) से पीडित मरीज या मरीजों की ब्लाक, शहरी निकाय और जिलों के आधार पर सहायता करने का जिम्मा ले सकेगा। इन दानकर्ताओं या सहायक संस्थाओं को टीबी के मरीजों को पौष्टिक भोजन की व्यवस्था करने के साथ ही आगे के इलाज व जांच और व्यावसायिक क्षेत्र में सहायता मुहैया करानी होगी।


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