केंद्र सार्वजनिक करेगा नेताजी की गोपनीय फाइलें, PM का एलान
केंद्र सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलें उनके जन्मदिन 23 जनवरी से सार्वजनिक करेगी। नेताजी के परिवार से मुलाकात में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिया है कि इसके लिए विदेशों से भी मदद ली जाएगी और उन्हें भी संबंधित फाइलें सार्वजनिक करने को कहा जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलें उनके जन्मदिन 23 जनवरी से सार्वजनिक करेगी। नेताजी के परिवार से मुलाकात में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिया है कि इसके लिए विदेशों से भी मदद ली जाएगी और उन्हें भी संबंधित फाइलें सार्वजनिक करने को कहा जाएगा।
शुरूआत रूस के साथ होगी। संभवत: दिसंबर में खुद प्रधानमंत्री के स्तर से या दूसरे स्तर पर रूस के साथ संवाद होना है। अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले प्रधानमंत्री की इस कवायद को राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है।
बुधवार को बोस के परिवार के 35 लोगों ने प्रधानमंत्री आवास पर मोदी से मुलाकात की। हालांकि इसका आधार कुछ महीने पहले कोलकाता में बोस के परिवारजनों से मुलाकात में ही बन गया था। बुधवार को मोदी ने उनका दिल जीत लिया। खुद को उनकी भावनाओं के साथ जोड़ते हुए मोदी ने कहा- 'मुझे अपने परिवार का हिस्सा समझिए।
जो देश अपने इतिहास को भूल जाता है वह इतिहास बनाने की क्षमता भी खो देता है..मेरा और पूरी सरकार का मानना है कि इतिहास को दबाए रखने का कोई औचित्य नहीं है। नेता जी से जुड़ी फाइलें उनके जन्मदिन के ही दिन ही सार्वजनिक होनी शुरू होंगी।' इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और शहरी राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो भी मौजूद थे।
हालांकि भाजपा इसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहती है लेकिन इसी बहाने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी हो गई है। गौरतलब है कि पिछले महीने पश्चिम बंगाल सरकार ने भी नेता जी की फाइलें सार्वजनिक की थी। कांग्रेस पर राजनीतिक निशाना भी साधा जा रहा था। उसी वक्त से माना जा रहा था कि केंद्र सरकार भी इसी दिशा में कदम उठाएगी।
बताते हैं कि बुधवार को बोस के परिवारजनों का उत्साह दोगुना हो गया जब खुद प्रधानमंत्री उनके सुझावों से सहमत ही नहीं दिखे बल्कि उसे पूरा करने में तत्पर भी दिखे। परिवार की ओर से आग्रह किया गया कि विदेशों में नेता जी से संबंधित तथ्यों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने तत्काल भरोसा दिया कि सरकार ऐसा ही करेगी और दिसंबर में ही रूस के साथ मुद्दा उठाया जाएगा।
संवाद कला के जरिए संबंध स्थापित करने में माहिर मोदी ने नेता जी के परिवार जनों को बताया कि गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने नेता जी को हमेशा याद किया। परोक्ष रूप से यह संकेत था कि देश पर लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस ने उस देशभक्त के साथ न्याय नहीं किया जिसने इतिहास में अहम भूमिका निभाई थी। ध्यान रहे कि पश्चिम बंगाल से भाजपा बड़ी आशा लगाए बैठी है। संगठन के तौर पर भाजपा फिलहाल तृणमूल कांग्रेस के समकक्ष भले न पहुंच पाई हो, लेकिन नेताजी को लेकर भावनात्मक बंगालियों से मोदी ने सीधा संपर्क जोड़ लिया है।