केंद्र ने नेशनल हाईवे पर अतिक्रमण को लेकर जताई चिंता, राज्यों और NHAI-NHIDCL को लिखी चिट्ठी
राष्ट्रीय राजमार्गों के समुचित रखरखाव के लिए तमाम प्राविधान किए गए हैं जिन पर सही तरह अमल की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर यह व्यवस्था है कि निर्माण के दौरान ठेकेदार को यह सुनिश्चित करना है कि कोई अतिक्रमण न हो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजमार्गों में अतिक्रमण, गड्ढों और कचरा इकट्ठा होने के मामलों से चिंतित केंद्र सरकार ने राज्यों तथा एनएचएआइ और एनएचआइडीसीएल जैसी अपनी एजेंसियों से तत्काल इसे सही करने के लिए कहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्गों के प्रबंधन से संबंधित प्रविधानों को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाए। मंत्रालय ने हर सप्ताह इसके क्रियान्वन की रिपोर्ट भी मांगी है।
हाईवे और उससे जुड़े रास्तों पर अतिक्रमण
राज्यों के प्रमुख सचिवों तथा नेशनल हाईवे के मामले देख रहे प्रधान सचिवों के साथ ही लोक निर्माण विभाग, एनएचएआइ और एनएचआइडीसीएल को लिखी चिट्ठी में मंत्रालय ने कहा है कि कई जगह यह देखने में आया है कि हाईवे तथा उससे जुड़े रास्तों पर अतिक्रमण किया गया है, सड़क का ड्रेनेज सिस्टम ब्लाक है, रास्तों में गड्ढे भरे नहीं गए हैं और मलबा एकत्र हो गया है। इन सबके चलते न केवल राष्ट्रीय राजमार्गों की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है, बल्कि सड़कों का इस्तेमाल करने वालों के लिए दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ गया है।
रखरखाव के लिए कई प्राविधान
राष्ट्रीय राजमार्गों के समुचित रखरखाव के लिए तमाम प्राविधान किए गए हैं, जिन पर सही तरह अमल की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर यह व्यवस्था है कि निर्माण के दौरान ठेकेदार को यह सुनिश्चित करना है कि कोई अतिक्रमण न हो और अगर ऐसा होता है तो उसे अपने खर्चे पर प्रोजेक्ट साइट से अतिक्रमण हटाना होगा। इसी तरह एक प्रविधान रखरखाव से संबंधित है। इसमें रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार पर तय की गई है। उसे तुरंत गड्ढे को रिपेयर करना है, टूट-फूट की मरम्मत करनी है, हाईवे प्रोजेक्ट में अतिक्रमण तथा उसके अनधिकृत इस्तेमाल की सूचना देनी है तथा कचरे को हटाना है।
प्राविधानों पर सख्ती से अमल जरूरी
प्रोजेक्ट को साफ-स्वच्छ रखने के लिए मलबे को हटाना भी ठेकेदार की जिम्मेदारी है। मंत्रालय ने लिखा है कि राष्ट्रीय राजमार्गों को एकदम दुरुस्त हालत में रखने के साथ उन्हें अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए इन प्राविधानों पर सख्ती से अमल किया जाना चाहिए। क्रियान्वयन से जुड़ीं सभी एजेंसियों के क्षेत्रीय अधिकारियों, परियोजना निदेशकों तथा नोडल अधिकारियों से कहा गया है कि अगर इन प्रविधानों पर अमल में किसी तरह की कोताही बरती जाती है तो जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।