Coronavirus in India: लॉकडाउन के बाद पलायन पर केंद्र सख्त, कहा- सील करें राज्यों की सीमाएं
रास्ते में फंसे लोगों को आस-पास के शेल्टर में रखा जाए उद्यमी कर्मचारी का वेतन न काटें मकान मालिक एक महीने का किराया न मांगें। उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी।
नई दिल्ली,ब्यूरो। लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी लोगों के पलायन और उसके कारण कोरोना के प्रसार की बढ़ी आशंका के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। राज्यों से कहा गया है कि जो जहां है उसे वहीं के आस-पास के शेल्टर में अगले 14 दिन रखा जाए। जरूरत के हिसाब से उन्हें हर मदद दी जाए। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों को रोकने के लिए उद्योग व्यापार से जुड़े लोगों को अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने और मकान मालिकों से ऐसे मजदूरों से एक महीने का किराया नहीं लेने का निर्देश दिया गया है। इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
पिछले दो-तीन दिनों से दिल्ली से लोगों के पलायन की जो स्थिति बनी है उससे अब सरकार सख्ती से निपटना चाहती है। पलायन कर रहे लोगों की भीड़ तब और बढ़ गई थी जब उन्हें लगा कि मुफ्त बस सेवा के जरिए वह घर तक पहुंच सकते हैं। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि पलायन कर रहे लोगों को फिलहाल उनके गांव घर तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। उन्हें आस-पास के शेल्टर में कम से कम दो हफ्ते के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। जो अपने घर पहुंच भी गए हैं, उनकी भी सख्त निगरानी होगी। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक चेकअप भी किए जाएंगे।
लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने को कहा
दरअसल, जिस तरह से पलायन शुरू हुआ था उससे कोरोना वायरस के गांव-गांव तक पहुंचने की आशंका बढ़ गई थी। एक बार कोरोना ने गांव का रास्ता देख लिया तो स्थिति को संभालना बहुत मुश्किल हो जाएगा। लिहाजा सरकार ने सभी राज्यों से लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने को कहा है। इसका तत्काल असर भी दिखा और दिल्ली से उत्तर प्रदेश की सीमा की ओर से जा रही सड़कों पर पुलिस चुस्त हो गई है।
गरीबों और प्रवासी मजदूरों को खाने की कमी न हो
केंद्र सरकार ने भविष्य की तैयारियां शुरू कर दी हैं। आपदा प्रबंधन में जुटे गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को डीएम, डिप्टी कमिश्नर, एसपी जैसे अधिकारियों को जिम्मेदारी देने का निर्देश दिया है। उनसे कहा गया कि तत्काल प्रभाव से यह सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के कारण घरों में बंद गरीबों और प्रवासी मजदूरों को खाने की कमी न हो। अगर शेल्टर की जरूरत है तो उसका भी प्रबंध किया जाए। अगर किसी कर्मचारी से वेतन आदि न मिलने की शिकायत आती है तो उसका भी ध्यान रखें। ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने पहले संबोधन में ही उद्योग व्यापार चला रहे लोगों से आग्रह किया था कि मानवता का ध्यान रखते हुए कर्मचारियों का वेतन न काटें लेकिन ऐसी शिकायतें आ रही हैं और इसीलिए पलायन बढ़ा है।
गृहमंत्री शाह की हर हालात पर नजर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जहां खुद सभी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं, वहीं कैबिनेट सचिव और गृह मंत्रालय सभी राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी से लगातार संपर्क में है। लॉकडाउन के उल्लंघन पर डीएम और एसपी को सीधे तौर पर जिम्मेवार बनाया गया है। लोगों को मदद पहुंचाने के लिए राज्यों को राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) फंड के उपयोग की अनुमति भी दे दी गई है।
राज्यों सरकारों को सीमाएं सील करने के निर्देश
केंद्र की ओर से सभी राज्यों सरकारों को सीमाएं सील करने के लिए कहा गया है। सभी राज्यों को यह भी निर्देश दिया गया है कि हाइवे पर भी किसी तरह का आवगमन नहीं होना चाहिए। जरूरतमंदों को खाना और रहने की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही नोटिस में यह भी साफ तौर पर कहा गया कि लॉकडाउन का उल्लंघन कर एक जगह से दूसरी जगह जाने वाले लोगों को कम से कम 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करके निगरानी की जाए।
मजदूरों को उनकी मेहनत का पैसा समय से मिलता रहे
इसके साथ ही सभी राज्यों को इस बात का भी निर्देश दिया गया है कि मजदूरों को उनकी मेहनत का पैसा समय से मिलता रहे और इसमें कोई कटौती नहीं होने पाए। किसी भी मजदूर से इस समय घर का किराया न मांगा जाए। जो लोग छात्रों और मजदूरों से कमरा या घर खाली करने के लिए कहते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो।