OBC Reservation: केंद्र को ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी आरक्षण पर समिति बनाने का निर्देश
कोर्ट ने कहा कि केवल स्थापित कानून को ध्यान में रखते हुए वह आरक्षण मुहैया कराने के पक्ष में कोई आदेश नहीं दे रहा है।
चेन्नई, प्रेट्र। मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को तमिलनाडु द्वारा मेडिकल नामांकन के लिए सौंपी गई ऑल इंडिया सीटों में ओबीसी आरक्षण मुहैया कराने के मुद्दे पर फैसला लेने के लिए समिति गठित करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र, राज्य और भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए तीन महीने के भीतर यह समिति गठित की जाए।
जस्टिस एपी शाही और जस्टिस सेंथिकुमार राममूर्ति की प्रथम पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि समिति द्वारा लिया गया कोई भी फैसला अगले अकादमिक वर्ष से लागू होगा। पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी आरक्षण मुहैया कराने की राह में कोई कानूनी बाधा नहीं है। इसका कारण यह है कि एमसीआइ ने इसका उल्लेख किया है।
आरक्षण कोई वैधानिक या बुनियादी अधिकार नहीं
कोर्ट ने कहा कि केवल स्थापित कानून को ध्यान में रखते हुए वह आरक्षण मुहैया कराने के पक्ष में कोई आदेश नहीं दे रहा है। कानून की व्यवस्था है कि सरकार के नीतिगत मामलों में अदालत तब तक हस्तक्षेप नहीं करेगी जबतक कि बुनियादी अधिकार प्रभावित नहीं हो रहा हो। कोर्ट ने कहा, 'आरक्षण कोई वैधानिक या बुनियादी अधिकार नहीं है।'
पीठ में तमिलनाडु सरकार, द्रमुक, अन्नाद्रमुक, पीएमके एवं अन्य राजनीतिक दलों की ओर से मेडिकल नामांकन के लिए ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी आरक्षण मुहैया नहीं कराने के केंद्र के फैसले को चुनौती देते हुए याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाओं का निपटारा करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र के लिए ऑल इंडिया सीटों में ओबीसी आरक्षण मुहैया कराने के लिए कोई भी कानून पारित करने का विकल्प खुला है।