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सेंसर बोर्ड ने सबको दिखा दी 172 एडल्ट फिल्में

सेंसर बोर्ड के अधिकारियों की अगर नजरें इनायत रहे तो सेक्स, हिंसा से भरपूर फिल्में भी बगैर किसी प्रतिबंध के सबके देखने के लिए जारी हो सकती हैं। कैग ने बोर्ड में फिल्म प्रमाणन को लेकर जारी ऐसे ही गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है।

By Manoj YadavEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 09:10 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 09:15 PM (IST)
सेंसर बोर्ड ने सबको दिखा दी 172 एडल्ट फिल्में

मुंबई। सेंसर बोर्ड के अधिकारियों की अगर नजरें इनायत रहे तो सेक्स, हिंसा से भरपूर फिल्में भी बगैर किसी प्रतिबंध के सबके देखने के लिए जारी हो सकती हैं। कैग ने बोर्ड में फिल्म प्रमाणन को लेकर जारी ऐसे ही गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है।

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उसने पाया है कि सेंसर बोर्ड ने नियमों को ताक पर रखकर 2012 से अब तक की अवधि में "ए" श्रेणी की 172 एडल्ट फिल्मों को "यूए" कटेगरी का प्रमाण पत्र देकर सबको दिखा दिया गया।

"यूए" श्रेणी का आशय सेक्स, हिंसा, नशाखोरी के हल्के पुट वाली उन फिल्मों से जिन्हें 12 से कम उम्र के बच्चों को भी अपने अभिभावक के साथ देखने की सलाह दी जाती है। यानी सभी आयु वर्ग के लोग इन फिल्मों को देख सकते हैं।

लगाई फटकार

सेंसर बोर्ड द्वारा "ए" श्रेणी की फिल्मों को "यूए" और "यू" कटेगरी का सर्टिफिकेट देने की बड़ी धांधली को कैग ने पकड़ा है। इसको लेकर उसने सेंसर बोर्ड की कार्य प्रणाली की जमकर खिंचाई की है। इतना ही नहीं उसका यह भी आरोप है कि फिल्म प्रमाणपत्र जारी करने के लिए बोर्ड में खुलेआम जाली दस्तावेज तैयार किया जाता है। फिल्म प्रमाणन में जारी पक्षपात को लेकर कैग ने बोर्ड को कड़ी फटकार लगाई है।

रिपोर्ट में उठाया सवाल

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार सेंसर बोर्ड ने वर्ष 2012 से 2015 में अब तक के बीच "ए" श्रेणी की 172 फिल्मों को "यूए" श्रेणी में बदल दिया और "यूए" श्रेणी की 166 फिल्मों को "यू" श्रेणी कर दिया। इसके लिए कानूनी प्रावधानों का बिल्कुल ख्याल नहीं रखा गया। गैरकानूनी तरीके से इन फिल्मों को प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए।

आरटीआई से खुली पोल

कैग ने यह जानकारी सेंसर बोर्ड के कामकाज को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता विहार दुर्वे की अर्जी पर भेजी 70 पेज की रिपोर्ट में दी है।

घूस लेते पकड़े गए थे सीईओ

सेंसर बोर्ड में धांधली नई बात नहीं है। अगस्त 2014 में बोर्ड के तत्कालीन सीईओ राकेश कुमार को एक फिल्म रिलीज करने के एवज में 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। उनके बाद सीईओ बनी पंकजा ठाकुर भी अपने एक निकट रिश्तेदार की फिल्म की रेटिंग को लेकर विवाद में घिर गई थीं। यह हितों के टकराव का मामला था।

किस श्रेणी का क्या मतलब

  • U श्रेणी : सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए कोई पाबंदी नहीं।
  • UA श्रेणी : इसमें 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अभिभावक के साथ फिल्म देखने की सलाह दी जाती है।
  • A श्रेणी : यह नशा, सेक्स और हिंसा से भरपूर एडल्ट फिल्में होती हैं। सिर्फ वयस्क ही इन फिल्मों को देख सकते हैं।

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