कोरोना रोधी वैक्सीन कोवोवैक्स और कोर्बेवैक्स के इमरजेंसी यूज को मिली CDSCO की मंजूरी
मांडविया ने बताया कि कोर्बेवैक्स वैक्सीन भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। इसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलाजिकल-ई द्वारा निर्मित किया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा यह हैट्रिक है क्योंकि यह अब भारत में विकसित हुआ तीसरा टीका है।
नई दिल्ली, एएनआइ। ओमिक्रोन के खतरे के बीच सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने कोरोना रोधी वैक्सीन कोवोवैक्स और कोर्बेवैक्स (CORBEVAX) के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कोविड-19 रोधी दवा ‘मोलनुपिराविर’ (गोली) के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग को भी अनुमति मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए देशवासियों को बधाई दी है। बता दें कि कोवोवैक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन से आपात इस्तेमाल की अनुमति पहले ही मिल चुकी है।
Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) under the Ministry of Health and Family Welfare has given emergency use authorization approval to COVID19 vaccines Covovax & Corbevax and Anti-viral drug Molnupiravir, says Health Minister Dr Mansukh Mandaviya. pic.twitter.com/RC22KhRBCQ
— ANI (@ANI) December 28, 2021
मांडविया ने बताया कि कोर्बेवैक्स वैक्सीन भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। इसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलाजिकल-ई द्वारा निर्मित किया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, यह हैट्रिक है क्योंकि यह अब भारत में विकसित हुआ तीसरा टीका है।
आपात स्थिति में मोलनुपिराविर का उपयोग कोरोना के वयस्क मरीजों पर एसपीओ2 93 प्रतिशत के साथ किया जा सकेगा, और उन मरीजों को यह दवा दी जा सकेगी, जिन्हें बीमारी से बहुत अधिक खतरा हो।
इसके साथ ही देश में जिन कोरोना रोधी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी जा चुकी है, उनकी संख्या आठ हो गई है। इससे पहले छह टीकों के इस्तेमाल को अनुमति दी गई थी, जिनमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, जायडस कैडिला की ZyCoV-D, रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी और यूएस आधारित मोडर्ना व जानसन एंड जानसन को पहले ही भारतीय ड्रग रेग्यूलेटर द्वारा अनुमति दी जा चुकी है।