रियाज नायकू के खात्मे पर CDS बिपिन रावत बोले, आतंकी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को चुन-चुनकर खत्म करेंगे
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सुरक्षाबलों की प्राथमिकता है कि वो आतंकी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को चुन-चुन कर खत्म करे।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर रियाज नायकू को ढेर कर दिया। इस पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सुरक्षाबलों की प्राथमिकता है कि वो आतंकी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को चुन-चुन कर खत्म करे, ताकि इनको देखकर और इनकी रैंबो वाली छवि से दूसरे लोग आतंक का रास्ता न अपनाएं। इससे हम उनकी नकारात्मकता को उभारेंगे। उन्होंने कहा कि इससे आतंकी संगठनों की भर्ती में कमी भी आएगी। वे हीरो नहीं हैं, वे कोई भी नहीं हैं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख रियाज नायकू की हत्या के लिए सुरक्षाबलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की प्रशंसा की।
ऐसे लोगों की असल तस्वीर छिपने नहीं देंगे
नायकू के एनकाउंटर पर उन्होंने कहा कि ये लोग ऐसी छवि पेश करते हैं जैसे ये आम लोगों के लिए लड़ रहे हों और खुद का प्रचार करते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनसे जुड़ें। हम ऐसे लोगों की असल तस्वीर लोगों से छिपने नहीं देंगे। दरअसल, कश्मीर के काफी युवाओं में आतंकी बुरहान वानी की रैंबो वाली छवि बनी थी। जब भारतीय सेना ने घाटी में उसका एनकाउंटर किया था तो वहां के हालात बिगड़ गए थे। लोग सड़कों पर निकल आए और पत्थरबाजी भी हुई थी।
लोगों को युद्ध के लिए भड़काता था नायकू
कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि रियाज नायकू 8 वर्ष पुराना उग्रवादी था। हर एक दो-महीने में वीडियो जारी करता था और लोगों को युद्ध के लिए भड़काता था। उसमें लोगों को प्रभावित करने की क्षमता थी। उसके मरने के बाद आतंकी संगठनों में भर्ती होने वालों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर इस वर्ष जनवरी से अब तक हम 27 ऑपरेशन कर चुके हैं। इन सभी ऑपरेशन में 64 उग्रवादी मारे गए। जिसमें 3 बहुत बड़े कमांडर भी मारे गए।
रियाज नायकू के सताए लोग चैन की सांस लेंगे
उधर, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि बहुत से लोग रियाज नायकू के हाथों सताए हुए, मारे हुए, लूटे हुए थे वो अब चैन की सांस लेंगे। दर्जनों मिसालें हैं जहां इसने लोगों को बेघर किया। माइग्रेट लेबर की हत्या से लेकर पुलिस को अपहरण करने और मारने जैसे न जाने कितने घिनौने कामों को अंजाम दिया था। पाकिस्तान स्पॉन्सर टेरेरिज़्म चाहे वो लश्कर-ए-तैयबा या हिजबुल मुजाहिदीन की तरफ से हो उसका एक ही मकसद है यहां के लोगों की जान माल को नुकसान पहुंचाना और शांति खराब करना। वहीं हमारा फर्ज़ है लोगों की जान के साथ-साथ अपनी जान की हिफाजत करना।