वायु सेना के लिए 56 C-295 MW विमानों की खरीद को मंजूरी, जानें इनकी खूबियां और कैसे होगी आपूर्ति
सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Security CCS) ने बुधवार को भारतीय वायु सेना के लिए 56 C-295 MW परिवहन विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी। अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के भीतर ही स्पेन से 16 विमानों की फ्लाईअवे स्थिति में आपूर्ति होगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। वायुसेना की ढांचागत ताकत में इजाफा करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने 56 परिवहन विमान खरीदने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की बैठक में आधुनिक सी-295एमडब्ल्यू परिवहन विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इनकी खरीद एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एस.ए. स्पेन से की जाएगी। पांच से 10 टन भार ढोने में सक्षम ये विमान भारतीय वायुसेना में अब बहुत पुराने हो चुके एवरो विमानों की जगह लेंगे।
सी-295एमडब्ल्यू विमान की खासियत
वायुसेना की परिवहन क्षमता बढ़ाने के लिहाज से इन विमानों की खरीद एक महत्वपूर्ण रक्षा सौदा है। सी-295एमडब्ल्यू विमान की खास बात यह है कि इसके पीछे के हिस्से में रैंप डोर है जो सैनिकों या सामान की तेजी से पैरा-ड्रा¨पग के लिए पूरी तरह मुफीद है। समझौते के 48 महीने के भीतर 16 विमान स्पेन से उड़ान भरने की स्थिति में पूरी तरह तैयार करके लाए जाएंगे। वहीं 40 शेष विमानों का निर्माण आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देने के लिए 10 साल के भीतर स्वदेश में ही टाटा कंसोर्टियम द्वारा किया जाएगा।
इलेक्ट्रानिक वारफेयर सूइट से होंगे लैस
इन सभी विमानों को स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रानिक वारफेयर सूइट से लैस किया जाएगा। सरकार का मानना है कि स्वदेश में 40 विमानों के निर्माण से भारत में एयरोस्पेस निर्माण ईको सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि एमएसएमई सेक्टर की कई कंपनियां इन विमानों के कल-पुर्जों के निर्माण से जुड़ेंगी। भारत के निजी क्षेत्र को विशेष तौर पर तकनीकी रूप से बेहद प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश का मौका मिलेगा। इसका दूसरा पहलू यह भी होगा कि घरेलू एविएशन निर्माण बढ़ने से आयात पर अत्यधिक निर्भरता कम होगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
बढ़ेंगे रोजगार के मौके
सरकारी आकलन के मुताबिक, सी-295एमडब्ल्यू विमानों के भारत में होने वाले निर्माण से एविएशन सेक्टर में नौकरियों और रोजगार के प्रत्यक्ष व परोक्ष दोनों अवसर पैदा होंगे। इसमें जहां 600 उच्च कौशल वाली सीधी नौकरियों के अवसर होंगे, वहीं करीब 3,000 परोक्ष रोजगार का सृजन होगा। समझौते के तहत 16 सी-295एमडब्ल्यू विमानों की आपूर्ति शुरू होने से पहले भारत में इनकी सर्विसिंग की सुविधा भी शुरू करनी होगी।
350 विमानों की खरीद पर विचार
वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना अगले दो दशकों में करीब 350 विमानों की खरीद पर विचार कर रही है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उत्तरी पड़ोसी (चीन) को देखते हुए हमारे पास आला दर्जे की प्रौद्योगिकियां होनी चाहिए। यही नहीं सुरक्षा कारणों की वजह से इन प्रौद्योगिकियों के जरिए हथियार भी हमारे अपने उद्योग द्वारा देश में ही किया जाना चाहिए।
वायुसेना की ताकत को मजबूती देने की दरकार
वायुसेना प्रमुख ने भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र विषय पर एक सम्मेलन में चीन से मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय वायुसेना की ताकत को और मजबूती देने के लिए विषम क्षमताओं के निर्माण की जरूरतों के बारे में भी बात की। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशकों में देश में ही निर्मित 350 विमान खरीदने पर विचार कर रही है। तेजस हल्के लड़ाकू विमान की परियोजना ने एयरोस्पेस उद्योग में भरोसा पैदा करने का काम किया है।