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..जब पीएम मोदी ने कहा- हाउ इज द जोश, छात्र ने कहा - हाई सर

जब पीएम मोदी ने कहा शाबास विनायक शाबास। हाउ इज द जोश? यह सुनते ही उत्साह से भरे विनायक ने कहा हाई सर।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 09:21 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 09:21 AM (IST)
..जब पीएम मोदी ने कहा- हाउ इज द जोश, छात्र ने कहा - हाई सर
..जब पीएम मोदी ने कहा- हाउ इज द जोश, छात्र ने कहा - हाई सर

कोच्चि, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में कॉमर्स स्ट्रीम में टॉप करने वाले विनायक एम मलिल से भी बात की। केरल के एर्नाकुलम जिले से लगे गांव के रहने वाले विनायक के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। विनायक ने 500 में से 493 अंक पाकर कॉमर्स स्ट्रीम में टॉप किया है।विनायक से बात करते हुए पीएम ने कहा, 'शाबास विनायक, शाबास। हाउ इज द जोश?' यह सुनते ही उत्साह से भरे विनायक ने कहा, 'हाई सर।'

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सर्जिकल स्ट्राइक पर केंद्रित फिल्म 'उरी 'द सर्जिकल स्ट्राइक' से यह डायलॉग लोकप्रिय हुआ था। विनायक ने बताया कि प्रधानमंत्री से बात करना उसके जीवन का सर्वाधिक खुशी का पल रहा। पीएम मोदी ने विनायक से पूछा कि वह कितने राज्यों में गया है। इस पर विनायक ने बताया कि उसने केवल केरल और तमिलनाडु ही देखा है। तब प्रधानमंत्री ने विनायक को दिल्ली आने का न्योता दिया।

विनायक ने बताया कि वह उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में आवेदन करेगा। भविष्य में बोर्ड की परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के लिए विनायक ने संदेश दिया, 'कड़ी मेहनत और समय का सही उपयोग।' विनायक ने जब बताया कि उसके स्कूल में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल की अनुमति नहीं थी, तब प्रधानमंत्री बोले, 'तुम भाग्यशाली हो।'

पीएम ने यह भी कहा

कई जगहों पर कोरोना तेजी से फैल रहा है, ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत- एक ओर हमें कोरोना से लड़ना है, तो दूसरी ओर अपनी नौकरी, कारोबार और पढ़ाई को भी गति देनी है- एक भी जान जाना दुखद है, लेकिन यह सच है कि हमने लाखों जाने बचाई हैं- इस महामारी के समय में ग्रामीण क्षेत्र प्रेरक बनकर सामने आए हैं

पढ़ी रामचरितमानस की चौपाई

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने रामचरितमानस के उत्तरकांड की एक चौपाई का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा, 'बयरु अकारण सब काहू सो, जो कर हित अनहित ताहू सो।' इसका अर्थ है कि दुष्ट का स्वभाव ही सबसे बिना वजह दुश्मनी करना होता है। इतना ही नहीं, वह हित करने वाले का भी नुकसान करने की सोचता रहता है।


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