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डॉक्टर के साथ मारपीट के मामले की जांच सीबीआइ को, आठ दिन में रिपोर्ट करनी होगी पेश

टीडीपी की नेता वी. अनीता ने भी कोर्ट को एक पत्र लिखकर डॉक्टर के साथ मारपीट उनकी गिरफ्तारी और उन्हें मानसिक अस्पताल भेजे जाने के मामले की जांच की मांग की थी

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 11:42 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 11:44 PM (IST)
डॉक्टर के साथ मारपीट के मामले की जांच सीबीआइ को, आठ दिन में रिपोर्ट करनी होगी पेश
डॉक्टर के साथ मारपीट के मामले की जांच सीबीआइ को, आठ दिन में रिपोर्ट करनी होगी पेश

अमरावती, आइएएनएस आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने शुक्रवार को विशाखापत्तनम में पिछले सप्ताह पुलिस द्वारा एक सरकारी डॉक्टर के साथ मारपीट के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच करने को कहा।

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16 मई की घटना को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने को भी कहा है। सीबीआइ से भी आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है। कोर्ट ने डॉ. के सुधाकर राव के बयान को ध्यान में रखते हुए अपना फैसला सुनाया।

कोर्ट ने बुधवार को विशाखापत्तनम सत्र न्यायाधीश को निजी तौर पर सरकारी मानसिक रोग अस्पताल अस्पताल का दौरा करने का आदेश दिया था, जहां सुधाकर राव भर्ती हैं और वहां उनका बयान दर्ज किया गया। कोर्ट ने जनहित याचिका (पीआइएल) पर आदेश पारित कर डॉक्टर के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की जांच की मांग की।

टीडीपी नेता ने की थी मांग

विपक्षी तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) की नेता वी. अनीता ने भी कोर्ट को एक पत्र लिखकर डॉक्टर के साथ मारपीट, उनकी गिरफ्तारी और उन्हें मानसिक अस्पताल भेजे जाने के मामले की जांच की मांग की थी। कोर्ट ने उनके पत्र को याचिका के रूप में माना।

नरसीपत्तनम के क्षेत्रीय अस्पताल के सिविल असिस्टेंट सर्जन सुधाकर राव को दो महीने पहले निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने कोविड-19 रोगियों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को एन95 मास्क प्रदान करने में विफल रहने के लिए सरकार की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। उन्हें 16 मई को विशाखापत्तनम में पुलिस ने अक्कापलेम में सड़क पर उपद्रव करने के कथित आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर डॉक्टर को पीटा। इस दौरान वह कमर से बिना शर्ट के नजर आए और उन्हें घसीट कर एक ऑटोरिक्शा में बांध दिया गया। इसके बाद उन्हें किंग जॉर्ज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हंे गंभीर हालत में भर्ती किया। बाद में उन्हें मानसिक स्वास्थ्य जांच के लिए सरकारी अस्पताल में भेजा गया।


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