राजा भैया से एक-दो दिन में पूछताछ कर सकती है सीबीआइ
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। प्रतापगढ़ के बलीपुर में सीओ कुंडा के साथ यादव बंधुओं की हत्या की जांच में सीबीआइ कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुट गयी है। जहां एक तरफ सीबीआइ की टीम हथिगवां व कुंडा की पुलिस से कई बार पूछताछ कर चुकी है, वहीं अब एक-दो दिन में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से भी पूछताछ हो सकती है। इस बीच राजा भैया की लखनऊ में मौजूदगी के मोबाइल काल डिटेल व वीडियो फुटेज समेत साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं।
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। प्रतापगढ़ के बलीपुर में सीओ कुंडा के साथ यादव बंधुओं की हत्या की जांच में सीबीआइ कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुट गयी है। जहां एक तरफ सीबीआइ की टीम हथिगवां व कुंडा की पुलिस से कई बार पूछताछ कर चुकी है, वहीं अब एक-दो दिन में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से भी पूछताछ हो सकती है। इस बीच राजा भैया की लखनऊ में मौजूदगी के मोबाइल काल डिटेल व वीडियो फुटेज समेत साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं।
कुंडा कांड की जांच पंजीकृत करने के बाद से सीबीआइ की सक्रियता बढ़ गयी है। सीबीआइ स्पेशल क्राइम जोन के संयुक्त निदेशक आरएस भाटी दिल्ली से नियमित केस का पर्यवेक्षण कर रहे हैं। एक दो दिन में सीबीआइ के विशेष निदेशक के.सलीम अली व आरएस भाटी आ भी सकते हैं। यूपी की सियासत को गर्म कर देने वाली इस घटना पर देश की निगाह होने और केन्द्रीय गृह मंत्रालय की रूचि की वजह से भी सीबीआइ विशेष चौकसी बरत रही है। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री कुंवर आरपीएन सिंह ने मारे गए सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद को निष्पक्ष और जल्द जांच पूरी करने का भरोसा भी दिया है।
सीबीआइ की टीम कई मोर्चे पर काम कर रही हैं। लखनऊ में राजा भैया की मौजूदगी की सीडी और अन्य रिकार्ड तलब करने के साथ ही सीबीआइ कई चश्मदीदों से पूछताछ करने जा रही है। इसके पहले राजा भैया समेत घटना से जुड़े लोगों का काल डिटेल सीबीआइ मांग चुकी है। उधर, मौके से भागे पुलिसकर्मियों व ग्रामीणों से दो दिनों तक वलीपुर और कुंडा में पूछताछ के बाद राजा भैया से भी पूछताछ के लिए सवाल तैयार कर लिए गये हैं। घटना और घटना के आरोपियों से जुड़े कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब राजा के लिए आसान नहीं होगा।
सूत्रों का कहना है कि चूंकि रविवार को विधानसभा सत्र नहीं रहेगा, इसी कारण राजा से पूछताछ हो सकती है। सीबीआइ को घटना स्थल से कुछ खास सुराग भी मिले हैं, जिनको विस्तार देने में वह जुटी है। फिलहाल सीबीआइ को जिया उल की सर्विस रिवाल्वर, मोबाइल और उनको लगी गोली नहीं मिल सकी है। जांच की दिशा बहुत हद तक इन सामानों के उपलब्ध होने पर भी निर्भर है। इनको हासिल करने के लिए सीबीआइ कड़ा रुख भी अपना सकती है।
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