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Saradha Chit Fund Scam: राजीव कुमार को अग्रिम जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ

सीबीआइ ने सारधा चिट फंड घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार को अग्रिम जमानत देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 10:17 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 10:17 PM (IST)
Saradha Chit Fund Scam: राजीव कुमार को अग्रिम जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ
Saradha Chit Fund Scam: राजीव कुमार को अग्रिम जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ

 नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने करोड़ों रुपये के सारधा चिट फंड घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल कैडर के आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार को अग्रिम जमानत देने के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जांच एजेंसी ने इस याचिका में कलकत्ता हाई कोर्ट के एक अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है।

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पूछताछ करने योग्य मामला नहीं 

हाई कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को अग्रिम जमानत देते हुए अपने आदेश में कहा था कि यह हिरासत में लेकर पूछताछ करने योग्य मामला नहीं है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद तीन अक्टूबर को राजीव कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में समर्पण कर दिया जिसने उन्हें 50-50 हजार रुपये की दो जमानत देने पर रिहा कर दिया। सारधा समूह पर जनता को करीब 2,500 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

आरोप है कि सारधा समूह ने जनता को उसके यहां निवेश करने पर बेहतर दर पर धन वापसी का आश्र्वासन दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने जब इस घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया तो राजीव कुमार ही इसके मुखिया थे। लेकिन बाद में शीर्ष अदालत ने 2014 में चिट फंड के अन्य मामलों के साथ ही इस घोटाले को भी सीबीआइ को सौंप दिया था। राजीव कुमार के विधाननगर पुलिस आयुक्त के कार्यकाल के दौरान 2013 में सारधा चिट फंड घोटाला सामने आया था।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पांच फरवरी को राजीव कुमार को सीबीआइ के समक्ष पेश होने और जांच में पूरी तरह सहयोग करने का निर्देश दिया था। लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि राजीव कुमार से पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। इसके बाद सीबीआइ ने शिलांग में राजीव कुमार से पूछताछ की थी। इसके बाद सितंबर महीने में जांच एजेंसी ने एक बार फिर राजीव कुमार को समन भेजा था। लेकिन राजीव कुमार उसके समक्ष पेश नहीं हुए थे।


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