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जानें- आपको क्यों नहीं मिल पाता था तत्काल टिकट, CBI ने खोला घोटाले का राज

तत्‍काल टिकट बुकिंग में असफलता के पीछे हो रहे बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो गया है और इसके आरोपी सीबीआइ के असिस्‍टेंट प्रोग्रामर व उसके साथी की गिरफ्तारी हो गयी है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 28 Dec 2017 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 28 Dec 2017 04:24 PM (IST)
जानें- आपको क्यों नहीं मिल पाता था तत्काल टिकट, CBI ने खोला घोटाले का राज
जानें- आपको क्यों नहीं मिल पाता था तत्काल टिकट, CBI ने खोला घोटाले का राज

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। ट्रेनों के लिए तत्‍काल टिकट मिलने में हो रही असुविधा के पीछे बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। सॉफ्टवेयर के सहारे तत्काल टिकटों की एक साथ बुकिंग के कारण मिनटों में टिकट खत्म हो जाया करते थे। हैरानी की बात यह है कि यह सॉफ्टवेयर भी सीबीआइ के ही असिस्टेंट प्रोग्रामर अजय गर्ग ने बनाया था। वैसे सीबीआइ ने अपने इस प्रोग्रामर को गिरफ्तार कर लिया है।

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आम लोगों से वसूलता था अधिक रकम

सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अजय गर्ग के बनाए सॉफ्टवेयर को बुकिंग एजेंटों तक जौनपुर के अनिल कुमार गुप्ता नाम का आदमी पहुंचाता था। एजेंटों को अजय गर्ग के बारे में कोई जानकारी नहीं होती थी। एक बार सॉफ्टवेयर मिलने के बाद बुकिंग एजेंट एक साथ सैंकड़ों तत्काल बुक कर सकता था और इसके लिए आम लोगों से अधिक कीमत वसूलता था। तत्काल टिकट से होने वाली अतिरिक्त कमाई का एक हिस्सा अनिल कुमार गुप्ता के पास जाता था, जो बाद में अजय गर्ग तक उसका हिस्सा पहुंचा देता था।

हाईटेक घोटाले का पर्दाफाश

इस हाईटेक घोटाले में सॉफ्टवेयर के मार्फत ही अजय गर्ग एक-एक टिकट की जानकारी रखता था और उसी के हिसाब से अपना कमीशन लेता था। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गर्ग अपना हिस्सा भी हाईटेक अंदाज में लेता था। अनिल कुमार गुप्ता से वह बिटक्वाइन में हिस्सा लेता था। कभी भी नकदी की जरूरत पड़ने पर हवाला के जरिये भी पैसे मंगा लेता था। यही नहीं, जब भी अनिल कुमार गुप्ता दिल्ली आता था, तो वह सीधे नकद भी गर्ग को हिस्सा दे देता था।

पिछले एक साल से जारी था यह खेल

सीबीआइ को अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक अजय गर्ग का यह खेल पिछले एक साल से जारी था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूपीएससी के मार्फत सीबीआइ में आने के पहले अजय गर्ग आइआरसीटीसी में प्रोग्रामर था। आइआरसीटीसी में 2007 से 2011 के बीच नौकरी करते हुए उसने उसकी वेबसाइट की खामियों को पहचाना और नया सॉफ्टवेयर बनाकर उसे कमाई की साजिश में जुट गया।

गिरफ्तार हुआ मास्‍टरमाइंड

एफआइआर दर्ज करने के साथ ही सीबीआइ अजय गर्ग और अनिल कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। अजय गर्ग को साकेत की विशेष अदालत ने पांच दिन के लिए सीबीआइ की रिमांड पर भेज दिया है, जहां उससे पूछताछ हो रही है। वहीं जौनपुर में गिरफ्तार किये गए अनिल कुमार गुप्ता को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है।

गिरफ्तारी के साथ ही सीबीआइ ने सबूत जुटाने के लिए दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापा मारा। छापे में 89 लाख रुपये नकद, 61 लाख रुपये सोने की ज्वेलरी, 15 हार्डडिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड 10 नोटबुक, छह रॉउटर, चार डोंगल, 19 पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज बरामद किया गया है।

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