भगोड़े चोकसी के लिए सीबीआइ ने एंटीगुआ की सरकार से साधा संपर्क
सीबीआइ ने एंटीगुआ सरकार को बताया है कि चोकसी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध इंटरपोल के पास लंबित है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में होने के खुलासे के बाद जांच एजेंसियां वहां से उसे लाने की तैयारियों में जुट गई हैं। इस सिलसिले में सबसे पहले सीबीआइ ने एंटीगुआ को पत्र लिखकर मेहुल चोकसी के वहां होने पर आधिकारिक रूप से जानकारी मांगी है। वहीं एंटीगुआ में आ रही खबरों के मुताबिक मेहुल चोकसी ने पिछले साल नवंबर में ही वहां की नागरिकता ले ली थी और 15 जनवरी को वहां के संविधान में भरोसे की शपथ भी ले ली थी।
सीबीआइ को मिल रही जानकारी के मुताबिक के मेहुल चोकसी आठ जुलाई को एंटीगुआ पहुंच गया था। ठीक इसी समय सीबीआइ और ईडी अमेरिका के साथ उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर चर्चा कर रहे थे। आखिरकार 20 जुलाई को इंटरपोल के मार्फत अमेरिका ने मेहुल चोकसी के अमेरिका में नहीं होने और एंटीगुआ चले जाने की जानकारी दी।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एंटीगुआ को मेहुल चोकसी के वहां पहुंचने, नागरिकता लेने और पासपोर्ट हासिल करने के बारे में पूरी जानकारी देने को कहा गया है। इसके साथ ही एंटीगुआ सरकार को मेहुल चोकसी के खिलाफ भारत में किए गए घोटाले और अदालत में चल रहे केस की भी जानकारी दी गई है। सीबीआइ ने एंटीगुआ सरकार को यह भी बताया है कि चोकसी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध इंटरपोल के पास लंबित है।
वहां के स्थानीय अखबार एंटीगुआ आबजर्वर में छपी खबर के मुताबिक मेहुल चोकसी ने भारत से भागने के पहले ही पिछले नवंबर में वहां की नागरिकता ले ली थी। एंटीगुआ के कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति चार लाख अमेरिका डालर यानी दो करोड़ 76 लाख रुपये की प्रोपर्टी खरीद कर वहां की नागरिकता हासिल कर सकता है। नागरिकता लेने के बाद वहां 15 जनवरी को चोकसी वहां के संविधान में भरोसे की शपथ भी ले ली थी। लेकिन इसके बावजूद वह छह महीने तक अमेरिका में छिपा रहा और जैसे ही उसे अमेरिका में शिकंजा कसने की भनक लगी एंटीगुआ फरार हो गया।