फर्जी बिल से वित्त प्रधबंक ने सरकारी कंपनी को लगाया 13 करोड़ का चूना, CBI ने कसा शिकंजा
सीबीआइ ने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के ओडिशा के कोरापुट स्थित इंजन खंड में 13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में पांच मामले दर्ज किए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र : सीबीआइ ने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के ओडिशा के कोरापुट स्थित इंजन खंड में 13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में पांच मामले दर्ज किए हैं। आरोप है कि कंपनी के वरिष्ठ वित्त प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों ने फर्जी बिलों व अन्य दस्तावेजों से 13.28 करोड़ रुपये का गबन किया।
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया, कंपनी के वरिष्ठ वित्त प्रबंधक भावेन मित्रा ने अन्य कर्मचारियों के साथ साठगांठ कर यह धोखाधड़ी वर्ष 2013-18 के बीच की। इसकी शुरुआत वर्ष 2013 में 13.11 लाख रुपये की धोखाधड़ी से हुई। वर्ष 2017 में आरोपित ने फर्जी बिलों के जरिये 7.78 करोड़ रुपये की मोटी रकम हड़प ली।
पिछले साल अक्टूबर में भी जांच एजेंसी ने मित्रा पर जनवरी-अगस्त 2018 के बीच पांच करोड़ रुपये के गबन का केस दर्ज किया था। यह घोटाला भी फर्जी बिलों और खरीद दिखाकर किया गया था। सीबीआइ ने जांच के दौरान छापेमारी की थी। इसमें जब्त आपत्तिजनक दस्तावेजों से पता चला कि सरकारी संस्थान में यह धांधली लंबे समय से चल रही थी।
एचएएल के सतर्कता विभाग ने मंगलवार को वर्ष 2013-18 के बीच हुई धोखाधड़ी से संबंधित पांच शिकायतें सीबीआइ को भेजी थीं। इनके आधार पर जांच एजेंसी ने मित्रा, अन्य स्टाफ और निजी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।