रामदेव के करीबी बालकृष्ण के खिलाफ चार्जशीट
फर्जी डिग्रियों और इनके जरिये पासपोर्ट हासिल करने जैसे गंभीर आरोपों से घिरे पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के विरुद्ध करीब एक साल चली जांच के बाद सीबीआइ ने मंगलवार को विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। उनके साथ श्री राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय, खुर्जा [बुलंदशहर] के प्राचार्य नरेश चंद्र द्विवेदी के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई है।
देहरादून [जागरण संवाददाता]। फर्जी डिग्रियों और इनके जरिये पासपोर्ट हासिल करने जैसे गंभीर आरोपों से घिरे पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के विरुद्ध करीब एक साल चली जांच के बाद सीबीआइ ने मंगलवार को विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। उनके साथ श्री राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय, खुर्जा [बुलंदशहर] के प्राचार्य नरेश चंद्र द्विवेदी के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई है। द्विवेदी पर आचार्य को फर्जी डिग्री उपलब्ध कराने का आरोप है। करीब दस पेज की चार्जशीट में 58 अहम साक्ष्य व 16 गवाह हैं।
पिछले साल जून में सीबीआइ को एक शिकायत मिली थी कि पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के महामंत्री और योगगुरु रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण मूल रूप से नेपाल के निवासी हैं और उन्होंने भारत में फर्जी दस्तावेजों के जरिये पासपोर्ट बनवाया है। वर्ष 1997 में बरेली, उत्तर प्रदेश के पासपोर्ट कार्यालय से बने पासपोर्ट में बालकृष्ण ने अपना पता हरिद्वार का बताया था। उन्होंने बुलंदशहर के खुर्जा स्थित श्री राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय से आचार्य की डिग्री लेना दिखाया था। आचार्य को पूछताछ के लिए सीबीआइ के कार्यालय बुलाया गया और घंटों पूछताछ हुई। सीबीआइ ने उनके जन्म के संबंध में हरिद्वार नगर निगम का कार्यालय खंगाला। आचार्य के जन्म तिथि और जन्मस्थल का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। अलबत्ता, नेपाल में उनके मूल निवास व परिवार के लोगों का जरूर पता चला। उनके सभी शैक्षिक प्रमाण-पत्र भी फर्जी पाए गए।
लगभग एक साल चली जांच के बाद अंतत: सीबीआइ ने मंगलवार को आचार्य बालकृष्ण के विरुद्ध षडयंत्र, धोखाधड़ी, फर्जी और कूटरचित दस्तावेज बनाने और गलत तरीके से पासपोर्ट प्राप्त करने की चार्जशीट दाखिल कर दी।
प्राचार्य से मिली थीं फर्जी डिग्रियां
आचार्य के साथ फंसे श्री राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य नरेश चंद्र द्विवेदी के घर सीबीआइ ने छापा मारा था। वहां से 11 लोगों की डिग्रियां मिली थीं। जांच में सात डिग्रियां फर्जी पाई गईं। यहीं से सीबीआइ को मामले में द्विवेदी का हाथ होने का पता चला। द्विवेदी को सीबीआइ जल्द गिरफ्तार कर सकती है।
जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
चार्जशीट दाखिल होने के बाद आचार्य बालकृष्ण की गिरफ्तारी के लिए सीबीआइ ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। मामले में आचार्य ने पिछले वर्ष हाई कोर्ट से जांच पूरी होने तक गिरफ्तारी से बचने को स्टे ले लिया था। हाई कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल ना होने तक आचार्य को अरेस्ट स्टे दिया था। मगर मंगलवार को चार्जशीट दाखिल होने के बाद स्टे स्वत: खारिज हो गया। मामले में सीबीआइ की एक टीम हाई कोर्ट रवाना हो गई है। कोर्ट से वारंट लेकर सीबीआइ जल्द बालकृष्ण को गिरफ्तार कर सकती है।
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