तेजिंदर सिंह और टाट्रा के बीच कड़ी तलाशने में नाकाम सीबीआइ
सीबीआइ रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह और टाट्रा ट्रक के निर्माता के बीच कड़ी ढूंढ़ने में नाकाम रही है। तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने टाट्रा की ओर से तेजिंदर पर उन्हें घूस देने का आरोप लगाया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ ने तेंजिदर सिंह के खिलाफ जहां भ्रष्टाचार निवारण अध्ि
नई दिल्ली। सीबीआइ रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह और टाट्रा ट्रक के निर्माता के बीच कड़ी ढूंढ़ने में नाकाम रही है। तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने टाट्रा की ओर से तेजिंदर पर उन्हें घूस देने का आरोप लगाया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ ने तेंजिदर सिंह के खिलाफ जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 12 (सरकारी कर्मचारी को घूस देना) के तहत पिछले हफ्ते आरोपपत्र दायर किया है, लेकिन जांच एजेंसी उनके और टाट्रा ट्रक निर्माताओं के बीच संबंध ढूंढ़ पाने में नाकाम रही है। सूत्रों के मुताबिक आरोपपत्र में पूर्व सेना प्रमुख की ओर से लिखा नोट भी शामिल किया गया है, जिसे देखकर लगता है कि वह (तेजिंदर सिंह), (रवि) ऋषि और टाट्रा के लिए काम करते हों।
सीबीआइ ने वीके सिंह के स्टाफ के एक अफसर का बयान भी लिया, जिसमें उसने कहा कि बैठक के बाद पूर्व सेना प्रमुख ने तेजिंदर सिंह को भविष्य में कभी भी मिलने का वक्त नहीं देने को कहा था। सीबीआइ ने अभियोजन पक्ष के गवाहों में पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार टीकेए नायर और वीके सिंह को अभियोजन पक्ष के 20 गवाहों में शामिल किया है। जांच एजेंसी ने आरोपपत्र के साथ 18 अन्य दस्तावेज भी अदालत के सामने पेश किए हैं।