समय की पाबंदी पर सीबीआइ निदेशक ने सभी जोन प्रमुखों को लिखी चिट्ठी, अफसरों को भी चेताया
दिल्ली में सीबीआइ का मुख्यालय हो या देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित क्षेत्रीय कार्यालय कहीं भी संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं आते।
नई दिल्ली, आइएएनएस। अपराध से लेकर भ्रष्टाचार तक के बड़े से बड़े मामलों को भी सुलझाने का माद्दा रखने वाला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) खुद अपने घर को ही सही रखने में नाकाम नजर आ रहा है। एजेंसी के बड़े अधिकारी भी समय पर दफ्तर नहीं आते। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि एजेंसी के प्रमख को अफसरों को चेतावनी तक देनी पड़ गई है।
दिल्ली में सीबीआइ का मुख्यालय हो या देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित क्षेत्रीय कार्यालय कहीं भी संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं आते। इसकी देखादेखी उनके मातहत अधिकारी करते हैं और एजेंसी में अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है। एजेंसी में व्याप्त इस अनुशासनहीनता की जानकारी इसके निदेशक आरके शुक्ल के एक पत्र से सामने आई है।
सख्त और अनुशासनप्रिय माने जाने वाले शुक्ल ने क्षेत्रीय दफ्तरों और अन्य शाखाओं के प्रमुखों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है, 'ऐसा देखा गया है कि जोन के प्रमुख जैसे वरिष्ठ अधिकारी और लॉ ऑफिसर समय से दफ्तर नहीं आते। संयुक्त निदेशक और उससे ऊपर के अफसरों से इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं की जाती।' बता दें कि सीबीआइ का संयुक्त निदेशक पुलिस के महानिरीक्षक (आइजी) रैंक का अधिकारी होता है। शुक्ल ने अपने पत्र में कहा है कि वरिष्ठ अधिकारियों के बर्ताव से उनके मातहत अफसरों पर असर पड़ता है और इससे अनुशासनहीनता बढ़ती है।
सूत्रों के मुताबिक एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी देर से दफ्तर आते हैं और शाम को जल्दी निकल जाते हैं। अफसरों के इस तरह के व्यवहार से एजेंसी के कामकाज पर असर पड़ता है। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि निदेशक के आदेश के बाद अधिकारी समय पर दफ्तर आने लगे हैं। इस आदेश के बारे में पूछे जाने पर सीबीआइ निदेशक के प्रवक्ता ने कोई जवाब नहीं दिया।
एजेंसी के पास अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले के साथ ही कई अन्य अहम मामलों की जांच की जिम्मेदारी है। राजपूत मामले को तो सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को सौंपा था।